Learn Ayurveda Pulse Diagnosis,Kaya Chikitsa,Medical Astrology And Other Lots Of Treditional Ayurvedic Information

Share

वृंहणीय महाकषाय के विषय में सटीक जानकारी। वास्तव में वृंहणीय महाकषाय कहां सटीक काम करता है।

Blog Pic

bruhaniya Mahakashaya कुपोषण नाशक मांस धातु वर्धक जिम से मसल्स बनाने की चाह रखने वाले कमजोर शरीर वालों के लिए अती उत्तम दवाई है| bruhaniya Mahakashaya कुपोषण नाशक मांस धातु वर्धक जिम में घंटों पसीना बहा कर एक्साइज करने वाले नवयुवक लोगों का पहला पसंद ।भारत सरकार के पटल पर कुपोषण से दुखी ग्रामीण गरीबों के लिए सर्व सुलभ और अति महत्वपूर्ण महा औषधि के रूप में भारत के बड़े-बड़े आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा बार-बार सुझाव दिया हुआ अति महत्वपूर्ण घटक द्रव्य है वृंहणीय महाकषाय(bruhaniya Mahakashaya )।

bruhaniya Mahakashaya(वृंहणीय महाकषाय)

चरक संहिता में 50 प्रकार के महाकषाय वर्णन करते वक्त वृंहणीय महाकषाय के बारे में भी जानकारी प्रदान किया हुआ है। क्या है(bruhaniya Mahakashaya) वृंहणीय महाकषाय और क्यों है यह सभी आयुर्वेदिक जिज्ञासुओं के लिए महत्वपूर्ण कंपोजिशन।
वृंहणीय महाकषाय मैं आने वाले जड़ी बूटियों का गुणधर्म और किन किन समस्या में वृंहणीय महाकषाय का प्रयोग किया जाता है आज हम विस्तार से जानेंगे।

bruhaniya Mahakashayaकी विशेष बातें.

  • 1. कुपोषण से पीड़ित बच्चों के लिए अमृत है वृंहणीय महाकषाय
  • 2. मात्री स्तन दुग्ध वर्धक है वृंहणीय महाकषाय
  • 3.मांसधातु को पोषण देता है वृंहणीय महाकषाय
  • 4. कमजोर व्यक्तियों के लिए अमृतमय है वृंहणीय महाकषाय
  • 5.थकान को मिटाने वाला है वृंहणीय महाकषाय
  • 6.शरीर मे मरोड़ पैदा होने पर दिया जाने वाला दवाई है वृंहणीय महाकषाय
  • 7. मांस पेशी में दर्द होने पर वृंहणीय महाकषाय देना चाहिए।


वृंहणीय महाकषाय के जड़ी बूटियां।(bruhaniya Mahakashaya)

  

अश्वगंधा

- गण- वल्य, वृंहणीय,मधुरस्कन्ध प्रमुख कर्म रसायन गुण

लघु स्निग्ध, रस तिक्त कटु मधुर उष्ण विर्य मधुर विपाक

विधारा 

उष्ण, रसायन, मधुर, बुद्धि वर्धक,स्वर को शुद्ध करने वाला, अग्नि दीपक, कांति वर्धक, पौष्टिक, कामोद्दीपक, रुचि कारक, उपदंश, पांडुरोग,खांसी, प्रमेह,वातरक्त, आमवात, सूजन, और कफ को दूर करने वाला।

कपास के बीज-

 

शितल पौष्टिक, दुग्ध वर्धक, कामोद्दीपक, चर्म रोग नाशक पित्त कफ नाशक, प्यास को बुझाने वाला चित्त की अस्थिरता और बेहोशी को दूर करने वाला,

 अति बला -वल्य, वृंहणीय,मधुरस्कन्ध मधुर शीत शीत , गुण लघु स्निग्ध पिच्छिल वातहर रसायन,मूत्रजनन वाजीकर वल्य प्रदरहर

बला -

वल्य, वृंहणीय,मधुरस्कन्ध मधुर शीत शीत , गुण लघु स्निग्ध पिच्छिल वातहर रसायन,मूत्रजनन वाजीकर वल्य प्रदरहर श्वासदोषहर क्षयनाशक

काकोली

 

शतावरी के जड़ जैसा दिखे,जड़ से सुगंधित दूध निकलता है, शीतल वीर्य वर्धक मधुर धातु वर्धक कफ कारक भारी तथा पित्त रोग को दूर करने वाला वृश्य है विनाशक बुखार को नष्ट करने वाला गर्मी को नष्ट करने वाला।

क्षीर काकोली-

 

इसका थोड़ा सा ही पावडर दूध के साथ लेने से कफ , बलगम खत्म हो जाता है . लीवर ठीक हो जाता है . यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है . यह कमजोर और रोगियों को स्वस्थ करता है . शीतकाल में इसके प्रयोग से ठण्ड कम लगती है . इसको लेने से ताकत आती है . खाना कम भी मिले ; तब भी ताकत बनी रहती है . पहाड़ों पर ऊपर चढ़ते समय सांस नहीं फूलता. यह बुढ़ापे को रोकने में मदद करती है .

 दूधी घास

 

यह वनस्पति श्वास नलिका की सूजन को कम करने, मासिक रक्तस्राव, श्वेत प्रदर, खूनी आंव में बेहद कारगर है।

खिरनी का छाल-

 

खिरनी मधुर, कषाय, शीत, गुरु, स्निग्ध, पिच्छिल, त्रिदोषशामक, रुचिकारक, बलकारक, वृष्य, तृप्तिकारक, हृद्य, बृंहण, संग्राही, विष्टम्भी, स्थौल्यकारी, शुक्रजनक, धातुवर्धक तथा व्रणरोपक होती है।

यह तृष्णा, मूर्च्छा, मद, भान्ति, मेह, दाह; रक्तपित्त, क्षत तथा क्षय नाशक होती है।

खिरनी के फल मधुर, कषाय, वृष्य, बलकारक, बृंहण, रूचिकारक, विष्टम्भी, हृद्य, स्निग्ध, शीतल, गुरु कफकारक, शुक्रवर्धक, पित्तप्रसादक, वातशामक, तृष्णा, मूर्च्छा, मद, भान्ति, क्षय, रक्तविकार, मूत्रदोष, दाह तथा क्षतशामक होते हैं।


वृंहणीय महाकषाय का विशेष गामित्व शक्ति।(bruhaniya Mahakashaya)


यदि अंशांश कल्पना के नजरिया से देखे तो वृंहणीय महाकषाय शरीर के प्रत्येक tissue को develop करने तथा सभी शिरा और कण्डराओं को वृद्धि करने के लिए जाना जाता है।
वृंहणीय महाकषाय (bruhaniya Mahakashaya)के सभी औषधियों को देखने से जान पड़ता है की यह अपने बलकारक वृष्य स्निग्ध गुरु शुक्र वर्धक आदि गुणों से शरीर मांसवृंहण करने वाला अति उत्तम योग है
जंगली कपास के बीज, अश्वगंधा,काकोली, छीर काकोली जहां संयुक्त रूप से आ जावे समझ लीजिए यह योग कमजोर व्यक्ति जिसके शरीर में बहुत अधिक कमजोरी है या अतिकृष व्यक्ति को मोटा करना हो तो इन दिनों से युक्त कंपोजीशन का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

वृंहणीय महाकषाय मैं ऐसी क्या खास बात है।(bruhaniya Mahakashaya)

वृंहणीय महाकषाय(bruhaniya Mahakashaya) मांस बृंहण कारक मांस धातु के क्षय होने की condition में या शरीर में अत्यधिक थकान,अत्यधिक मरोड़ पैदा होने या मांस पेशीयों में दर्द होने जैसी स्थितियों में वृंहणीय महाकषाय( bruhaniya Mahakashaya)को दिया जा सकता है।
शरीर में पोषण के अभाव ग्रामीण क्षेत्र में बहुधा देखा जाता है।असंतुलित खान पीन और पोषण हीन भोजन के कारण ग्रामीण समाज पहले से ही त्रसीत है यदि ऐसी सिचुएशन में वृंहणीय महाकषाय बच्चों को दिया जाए हंड्रेड परसेंट उनके शरीर में रसायन की वृद्धि होगी।
क्योंकि अश्वगंधा, विधारा, कपास बीज, अतिबला, क्षीरकाकोली और खिरनी यह महा औषधि है सभी आयुर्वेदिक ग्रंथों में इन्हें रसायन शब्द से संबोधन किया है यह सभी रस धातु को बढ़ाने वाला शरीर और रक्त को पोषण देने वाला स्त्री के स्तन में दुग्ध को बढ़ाने वाला जैसे तमाम फायदा इन साधारण और सर्वत्र उपलब्ध जड़ी बूटियों से प्राप्त हो सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक परीप्रेक्ष में अपेक्षित इन महा रसायन कारक आयुर्वेदिक औषधियों को छोड़कर जहरीला  केमिकल युक्त एलोपैथिक इंजेक्शन की तरफ हमारी झुकाव हो गया परिणाम स्वरूप समाज आज इन साधारण सर्वत्र उपलब्ध जड़ी बूटियों से उचित लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहा है।


मांसधातु को पोषण देता है वृंहणीय महाकषाय (bruhaniya Mahakashaya)


मांस धातु के संदर्भ में बताया जाता है कि मांस धातु शरीर को स्थिर रखने के लिए शरीर प्रयोग करता है। यदि मांसधातु बढ़ जाता है तो वृंहणीय महाकषाय (bruhaniya Mahakashaya)देने पर हानि हो सकता है मगर मांसधातु यदि कमजोर है तो नीचे दिए हुए लक्षण व्यक्ति में दिखेगा और इस तरह के लक्षण दिखे तो उन सभी लक्षणों के आधार पर हम वृंहणीय महाकषाय(bruhaniya Mahakashaya) दे सकते हैं।

मांस धातु क्षीण होनें के लक्षण- शरीर में मांस के क्षीण होने से स्फिक्र (गण्ड स्थल के पास का भाग) और गण्ड स्थल (पौंर्दा) आदि में शुष्कता (सूख जाना), शरीर में टोचने की सी पीड़ा अंश ग्लानि अर्थात् इन्द्रियों का अपने काम करने में असामथ्र्य, सन्धियों के स्थान में पीड़ा और धमनियों में श्थििलता ये मांस धातु कमजोर होने का लक्षण है।
इन लक्षणों के देखे जाने पर आप बेफिक्र मांस धातु को बढ़ाने हेतु {bruhaniya Mahakashaya}वृंहणीय महाकषाय रोगी को दे सकते हैं।

हमारे यहां आयुर्वेदिक दवाई कैसे बनाएं, रोगी को कैसे दें,, आदि विषयों को सीखना चाहने वाले तमाम आयुर्वेद प्रेमी विद्यार्थियों के लिए special practical Ayurveda का क्लास

शुरू से प्रारंभ है यदि आप भी इस विषय को सीखना चाहते हैं तो तुरंत संपर्क करें।

 

 

 

 

बेसिक आयुर्वेदा के साथ विशेष रोग परीक्षण करने वाला नाडी़ परीक्षण विधि को सीखना चाहने वाले तुरंत संपर्क करें।
www. Ayushyogi.com
8699175212

CHARAK MAHAKASHAYA's

?Deepaniya-Mahakashaya/

?Sandhaniya-Mahakashaya/

?Bhedaneeya-mahakasaya/

?Lekhaniya-Mahakashaya/

?bruhaniya-Mahakashaya/

?Jivaniya-Mahakashaya/

?Balya-Mahakashaya/

India's Best One Year Ayurveda Online Certificate Course for Vaidhyas

यदि आप भी भारत सरकार Skill India nsdc द…

The Beginner's Guide to Ayurveda: Basics Understanding I Introduction to Ayurveda

Ayurveda Beginners को आयुर्वेदिक विषय स…

Ayurveda online course | free Ayurveda training program for beginner

Ayurveda online course के बारे में सोच …

Nadi Vaidya online workshop 41 days course  brochure । pulse diagnosis - Ayushyogi

Nadi Vaidya बनकर समाज में नाड़ी परीक्षण…

आयुर्वेद और आवरण | Charak Samhita on the importance of Aavaran in Ayurveda.

चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेदिक आवरण के…

स्नेहोपग महाकषाय | Snehopag Mahakashay use in joint replacement

स्नेहोपग महाकषाय 50 महाकषाय मध्ये सवसे …

Varnya Mahakashaya & Skin Problem | natural glowing skin।

Varnya Mahakashaya वर्ण्य महाकषाय से सं…

Colon organ pulse Diagnosis easy way | How to diagnosis feeble colon pulse in hindi |

जब हम किसी सद्गुरु के चरणों में सरणापन…

Pure honey: शुद्ध शहद की पहचान और नकली शहद बनाने का तरीका

हम आपको शुद्ध शहद के आयुर्वेदिक गुणधर्म…