Ayurveda online course for beginners. AyushYogi is the best platform to learn Ayurveda and medical astrology | You can build your career by studying Ayurveda online from here |
Basic Ayurveda is taught here. Many students who do not know anything about Ayurveda also come here happily to study the Basic Ayurveda course.
कृपया नीचे दिए गए वीडियो को देखिए और आप भी आयुर्वेद सीखने के लिए मन बनाइए। आप किसी भी फील्ड में काम करते हो यदि आप आयुर्वेद समझना चाहते हो तो आपके लिए यह कोई मुश्किल भरी बात नहीं है कुछ ही महीनों के बाद आप बेहतर आयुर्वेद सीख पाओगे।
सर्व विदित है की चरक संहिता ही आयुर्वेद का प्रमुख चिकित्सा शास्त्र है। चरक संहिता व्यक्ति को अत्यंत सरल भाषा में आयुर्वेदिक चिकित्सा का चिकित्सा विधि सूत्रात्मक तरीका से समझाता है इसीलिए
हम प्रतिदिन चरक संहिता के प्रत्येक अध्याय के ऊपर Non BMS student को ख्याल में रखकर बारीकी से चर्चा करेंगे
यहां से हम आयुर्वेद विषयक सामान्य जानकारी को सीखेंगे
संपूर्ण चरक संहिता पढ़ने के बाद विद्यार्थियों में आयुर्वेद के प्रति विशिष्ट जानकारी मिलना शुरू हो जाता है उसके बाद हम मंत्र चिकित्सा विधि सीखने के बाद फिर रसायन निर्माण के बारे में प्रैक्टिकली गुरु के सम्मुख बैठकर निर्माण विधि को सीखेंगे जिसमें आप सीख पाएंगे
Ayushyogi में पढ़ने वाले आयुर्वेद विषयक विद्यार्थियों को किसी अच्छे और प्रामाणिक आयुर्वेदिक संस्थान में एडमिशन दिलाकर exam में बेठाया जाता है वहां से certificate प्राप्त कराकर आप को आयुर्वैदिक वैद्य बनाने का संकल्प के साथ आयुष योगी आगे बढ़ रहा है।
Basic Ayurveda course for beginner
यदि आप Ayurveda में अपना career बनाना चाहते हैं, यदि आप Ayurveda practice कर रहे हैं मगर आपने proper Ayurveda पढ़ा नहीं है तो कुछ समय निकालकर आप भी Ayushyogi से घर बैठे online Basic Ayurveda course सीख सकते हैं। Basically Ayushyogi लंबे समय से fresh and beginner को online के माध्यम से रोज शायं 8 बजे से 10:00 बजे तक बेहद सरल भाषा में Basic Ayurveda course, Ayurveda treatment, Indian traditional pulse diagnosis, marm therapy,medical astrology जैसे महत्वपूर्ण विषयों को बेहद सरल भाषा में सिखाते आ रहा हैं। सरल भाषा में सिखाने का तात्पर्य यह है कि इस class में ना केवल BAMS के विद्यार्थी होते हैं बल्कि सर्वसाधारण लोग जिन्होंने basic Ayurveda course सीखना होता है वह भी Ayushyogi best online Ayurveda training centre से मन लगाकर आयुर्वेद सीख रहे होते हैं। Ayushyogi online Ayurveda coaching center में बेहद सरल भाषा में सभी विद्यार्थियों को पूछते और समझाते हुए एक-एक शब्दों की गहराई में जाकर व्याख्यान करने के कारण विद्यार्थियों को यहां तुरंत आयुर्वेदिक भाषा जल्दी से हृदयांगम हो जाता है।
Ayushyogi Basic Ayurveda online course मैं आपको संस्कृत शब्द भी बार-बार सुनने को मिलेगा क्योंकि वैद्य द्रोणाचार्य जी का मानना है कि आयुर्वेद संस्कृत भाषा में लिखा हुआ है यदि आप आयुर्वेद पढ़ना चाहते हैं तो सामान्य संस्कृत भी समझ में आनी चाहिए उसका एक छोटा सा उदाहरण जो आयुर्वेदिक ग्रंथ में लिखा हुआ है।
हिताहितं सुखं दुःखं आयुस्तस्य हिताहितम् ।
मानं च तच्च यत्रोक्तं आयुर्वेदः स उच्यते ॥
अर्थात् हितायु, अहितायु, सुखायु एवं दुःखायु; इस प्रकार चतुर्विध जो आयु है उस आयु के हित तथा अहित एवं उस आयु का स्वरूप जिसमें कहा गया हो,उसे आर्युवेद कहा जाता है।
आयु किसे कहते है?
शरीरेन्द्रियसत्वात्मसंयोगो इति आयुः
शरीर इंद्रिय, मन और आत्मा के संयोग को आयु करें।
कर्मेन्द्रिय (वाक्, हाथ, पैर, गुदा और लिंग),
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ (कान, नेत्र, रसना, नासिक और त्वचा)
, पाँच विषय – शब्द, रूप, रस, गंध और स्पर्श तथा मन, बुद्धि, अहंकार, प्रकृति और पुरुष
स्वस्थस्य स्वास्थ्यरक्षणमातुरस्य विकारप्रशमनं च।
"इस आयुर्वेद का प्रयोजन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी व्यक्ति के रोग को दूर करना है।"
धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम्।।
धर्म अर्थ काम मोक्ष ही स्वस्थ शरीर का मूल है । इसीलिए
चतुर्विध पुरुषार्थ की सिद्धि के लिए आयुर्वेद की जरूरत है।
इन सभी विषयों को ध्यान में रखकर जहां रोग परीक्षण और उसके उपचार विधि का आयोजन किया जाता है उसे आयुर्वेद कहा जाता है जिस आयुर्वेदिक उपचार से न केवल रोग का लक्षण बल्कि उस रोग का मूल कारण ही समूल नष्ट हो जाए यही है वास्तव में आयुर्वेदिक चिकित्सा।
मधुर,अम्लादी रसों का आयुर्वेद में वर्णन।
यदि आपके मन में यह सवाल हमेशा उठता है कि क्या हर कोई आयुर्वेद पड़ सकता है?,समझ सकता है?, क्या हर कोई आयुर्वेद में प्रैक्टिस कर सकता है ? तो इसका जवाब तलाशने के लिए आपको खुद के अंदर प्रवेश करना होगा। आप खुद से पूछिए कि आप प्रकृति से कितना प्यार करते हो। आप ऊपर बताएं आयुर्वेदिक जीवनशैली को कितना समझते हो मानते हो यदि इस सवालों का जवाब सकारात्मक हो तो समझ लीजिए आप आयुर्वेद पढ़ने के योग्य हो Ayushyogi में पढ्ने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए compulsory बात यह है की आयुर्वेद पढ़ने के लिए जुनून होनी चाहिए हमेशा हर एक्टिविटीज में आयुर्वेद को सोचना है, जीवन के हर पहलुओं में आयुर्वेद को लगाकर समझने का प्रयास करना है यही वास्तव में practical Ayurveda है।
आयुर्वेद सीखने वालों को प्रैक्टिकल होना बेहद जरूरी है, आयुर्वेद सीखने वालों को मेहनती होना भी जरूरी है। रोगी को मैं कर सकता हूं यह उम्मीद होना जरूरी है हर औषधि के ऊपर अच्छा पकड़ होना चाहिए सभी जड़ी बूटियों के बारे में विशेष रूचि होना बेहद जरूरी है यदि इतना करना संभव हो सकता है तो आप बेहतर आयुर्वेदिक चिकित्सक बन सकते हो।
इसके विषय में अगर साफ शब्दों में बात करूं तो यह बिल्कुल संभव नहीं है कि आपके पास कोई certificate है ही नहीं और आप आयुर्वेद के ऊपर practice करसको। यदि आपके पास भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी आयुर्वेदिक कॉलेज का Ayurveda certificate नहीं है और अपने स्टेट के कानून मुताबिक पर्याप्त चिकित्सक बनने का certificate नहीं है तो आप आयुर्वेद के ऊपर काम नहीं कर सकते । इसके लिए अलग-अलग कॉलेज में उपवैद्य का कोर्स भी उपलब्ध है उनको करके आप certificate प्राप्त कर सकते हैं। यह एक बीच का रास्ता हो सकता है|
Online (Nadi pariksha ) Pulse diagnosis class Demo class
By the way, if you really want to study Ayurveda, then go to a university and do BAMS, but if you want to serve your home, family and society by learning general Ayurveda, then I think for this you can fulfill your dream just by joining Ayushyogi Online Course. It is possible.
वैसे तो यदि आप सचमुच आयुर्वेद पढ़ना चाहते हैं तो किसी यूनिवर्सिटी में जाकर बीएमएस कर लीजिए मगर यदि सामान्य आयुर्वेद सीखकर अपने घर परिवार और समाज की सेवा करना चाहते हैं तो मुझे लगता है इसके लिए आप Ayushyogi basic Online Ayurveda Course ज्वाइन करने मात्र से आपका यह सपना पूरा हो सकता है।
नाड़ी वैद्य पंडित द्रोणाचार्य शास्त्री जी आप जैसे आयुर्वेद प्रेमियों को बेहद सिंपल और सरल भाषा में नाड़ी परीक्षण तथा आयुर्वेद चिकित्सा में प्रयोग किए जाने वाले सभी आयुर्वेदिक दवाई बनाने की विधि उनके गुणधर्म रोग परीक्षण जैसे तमाम विषयों को सिखाते हैं।
लंबे समय से नाड़ी वैद्य पंडित द्रोणाचार्य हजारों लोगों को प्रैक्टिकल आयुर्वेदा चरक संहिता के आधार पर पढ़ाते हैं।
यदि आप अभी नाड़ी वैद्य पंडित द्रोणाचार्य शास्त्री जी से सामान्य हिन्दी भाषा में आयुर्वेद पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक में तुरंत क्लिक करें और ऑनलाइन क्लास में प्रवेश पाने के लिए आवेदन करें।
Will it be easy for a beginner to learn Ayurveda?
यदि आप का सवाल है कि क्या beginner को आयुर्वेद समझ में आएगा तो लंबे समय तक सामान्य वर्ग के लोगों को आयुर्वेद पढ़ाते हुए मैंने अनुभव में पाया हूं कि यदि आपके मन में वास्तव में आयुर्वेद पढ़ने का रुचि है तो आप Ayushyogi Online class में यदि आयुर्वेद पढ़ना आते हैं तो बेहतर समझ में आएगा। बहुत सारे लोगों को देखा जाता है कि वह लोग सिर्फ पुस्तक खरीद कर आयुर्वेद पढ़ना शुरू करते हैं और उसी के आधार पर प्रैक्टिस करने का प्रयास करते हैं लेकिन दोस्तों आयुर्वेद एक गंभीर विषय है क्योंकि आयुर्वेद संस्कृत भाषा में लिखी हुई है आयुर्वेद के कुछ ऐसी बातें जिसको सिर्फ गुरु के मुंह से ही समझा जा सकता है यदि आप समय निकालकर दिन में एक घंटा Ayushyogi से आयुर्वेद पढ़ लेते हो तो आने वाला समय आपके लिए बेहतर हो सकता है।
Ayushyogi में विगत लंबे समय से लोगों को online के माध्यम से successfully Nadi Pariksha,marma chikitsa,charak Samhita, practical Ayurveda medical astrology के साथ-साथ आप यहां से कर्मकांड पूजा-पाठ जैसे हिंदुओं के लिए बेहतरीन आध्यात्मिक विषय को बेहद सरल भाषा में सिखाया जा रहा है। यदि आप के मन में भी आयुर्वेद समझ में नहीं आता, मैंने कभी पढ़ा नहीं है ,मेरा background वैसा नहीं है,मेरे को science बिल्कुल नहीं आता, मेरे को संस्कृत समझ में नहीं आता जैसे तमाम सवाल आता है तो कृपया उससे तुरंत बाहर निकलिए यदि
आपके मन में दीर्घायु और स्वस्थ रहने का तरीका सीखने का इच्छा है तो आपको अभी Ayushyogi में आयुर्वेद पढ़ने के लिए आवेदन करना चाहिए।
If you want to learn any subjects from Ayush Yogi and want to attend an online classes, then first of all you have to choose the subjects which you want to study.
✓विषय का चुनाव करें | First of all, choose which subject you want to study.
✓fee जमा करें | Submit fees as directed for the subject
✓अमाउंट के ट्रांजैक्शन नंबर व्हाट्सएप में सेंड करें,|send the transaction number of the amount in WhatsApp
✓आप 2 दिन का डेमो क्लास में फ्री ऑफ कॉस्ट भी आ सकते हैं | Demo classes can also come with free of cost
✓क्लास के अंत में सामान्य परीक्षण होगा पास हो जाने पर सर्टिफिकेट मिलेगा
✓क्लास का अपलोडेड वीडियोस आपको हर रोज मिलता रहेगा
√आपको विषय का पीडीएफ भी मिलेगा
✓आपको जीवन पर्यंत आयुर्वेद और एस्ट्रोलॉजी से संबंधित सपोर्ट भी मिलता रहेगा
सभी प्रकार के health sector से जुड़े हुए लोगों के लिए आयुर्वेद बेहतर साबित होगा। विशेष करके योग के क्षेत्र में बेहतरीन कैरियर बनाना चाहने वाले लोगों के लिए तो आयुर्वेद और मर्म चिकित्सा जरूर सीखना चाहिए। क्योंकि योग को सफलतापूर्वक वही करा सकता है जिसको मानव संरचना तथा शरीर क्रिया के बारे में पता हो।
कल्पना कीजिए कि आप योगा ट्रेनर हो और आप आयुर्वेद को गहराई से जानते हो तो किसी भी रोग से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए आप कितना सहज हो सकते हो। आयुर्वेद में बताया जाता है की योगासन भी दोषों के आधार पर डिसाइड किया जाता है।
✓वात प्रकृति वालों के लिए सामान्य एक्सरसाइज के साथ प्राणायाम आदि क्रियाएं करानी चाहिए। क्योंकि जब वायु बढ़ता है तो वह शरीर के धातुओं को कमजोर करना शुरू कर देता है ऐसे में अधिक देर तक बलपूर्वक किया हुआ योगासन रोगी को कष्ट पहुंचा सकता है।
✓पित्त प्रकृति वालों के लिए भी योगासन से ज्यादा ऐसी क्रियाएं जिसका असर मन पर होता हो को करनी चाहिए जैसे सुदर्शन क्रिया, मेडिटेशन आदि साथ में पित्त शांत इसके लिए आयुर्वेदिक औषधियां देना चाहिए।
✓कफ प्रकृति वालों के लिए या कफ से संबंधित व्याधि में शारीरिक एक्सरसाइज जो योग शास्त्र में बताया गया है उसको भरपूर मात्रा में करना चाहिए क्योंकि शरीर में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है शरीर में बल होता है ऐसे में फिजिकल एक्सरसाइज की ज्यादा आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद में व्यायाम के विषय में काफी कुछ बताया गया है। किस देश विशेष में रहने वाले लोगों को किस प्रकार से व्यायाम करना चाहिए कहां के लोगों को व्यायाम नहीं करना चाहिए यह सभी बातें आयुर्वेद में अच्छी प्रकार से समझ आया हुआ है। AyushYogi online Ayurveda training center मैं यह सभी बातें बेहद विस्तार में सिखाया जाता है।
प्राकृतिक चिकित्सकों के लिए भी आयुर्वेद बेहद महत्वपूर्ण शास्त्र है। यदि आप Dnys का कोर्स कर रहे हैं मगर कॉलेज में पढ़ने के लिए नहीं जाते तो AyushYogi online Ayurveda training center आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा जहां से आप घर बैठे ही नेचुरोपैथी और प्रैक्टिकल आयुर्वेदा सीख सकते हैं।
सुनने में आया है कि लोग प्राकृतिक चिकित्सा बोलकर सिर्फ पानी और मिट्टी से रोग ठीक करने के लिए दम भरते हैं मगर याद रखें दुनिया में जितने भी चेतन और अचेतन पदार्थ है वह सभी पांचभौतिक है। यदि आप आयुर्वेद ठीक तरह से पढ़ते और समझते हो तो सभी आयुर्वेदिक दवाइयों के सहारे आप DNYS सर्टिफिकेट के आधार पर अपना क्लीनिक खोल सकते हैं। और निश्चित आप चिकित्सा में सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं। बहुत सारे लोगों को मैं देखता हूं कि वह लोग आयुर्वेद पढ़ने में रुचि नहीं रखते मगर फिर भी आयुर्वेदिक चिकित्सा करने के लिए प्रयास करते हैं ऐसे लोगों को बेहद गंभीरता पूर्वक आयुर्वेद पढ़ना चाहिए।
भारत सरकार इन दिनों उन कर्मनिष्ठ गांव और शहरों में रहकर साधारण जड़ी बूटियों के माध्यम से देसी घरेलू उपचार करने वाले सामान्य वैद्यों के लिए भी बेहतर दिशा में काम कर रही है। ऐसे लोग जिनके पास आयुर्वेदिक सामान्य चिकित्सा करने के लिए पर्याप्त सर्टिफिकेट ना होने के वजह से जिनका वाप दादा या गुरु शिष्य परंपरा से चिकित्सा विधि को सीख कर कोई हड्डियों को जोड़ने वाला, कोई गठिया रोग के लिए चिकित्सा करने वाला या बहुत सारे अनेक अलग-अलग बीमारियों के ऊपर काम करने वाले सामान्य वर्ग के लोगों को खाशी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी बात को ध्यान में रखकर विगत कुछ सालों से भारत सरकार ने 1 वर्ष का CCAT Course करा कर उन्हें भी सामान्य आयुर्वेदिक चिकित्सा विधि को सिखा कर भारतीय चिकित्सा व्यवस्था में अहम भूमिका निर्वहन किया है। इस सर्टिफिकेट को प्राप्त करके अब कोई भी व्यक्ति जिसको परंपरागत आयुर्वेद के बारे में पता है वह सभी लोग गांव, कस्बा या छोटे बड़े शहरों में आयुर्वेदिक चिकित्सा करके लोगों की सेवा कर सकते हैं। मगर इसके लिए आपको एक बर्ष तक आयुर्वेद के अन्य जो चिकित्सा विधि है उसे भली-भांति समझना होगा।
मिर्गी (Epilepsy) का कारण केवल न्यूरोलॉ…
Explore an in-depth research paper on A…
Telepathy क्या होता है इस विषय में अधिक…
Top-Rated Ayurveda Doctor Near Me in Ja…
यदि आप भी भारत सरकार Skill India nsdc द…
Ayurveda Marma therapy is for balancing…
Panchakarma treatment के विषय में आज हम…
Non-BAMS students who have been working…
Ayurveda Beginners को आयुर्वेदिक विषय स…
Blood pressure जड् से खत्म होगा यदि आप …
Ayurveda online course के बारे में सोच …
Nadi Vaidya बनकर समाज में नाड़ी परीक्षण…
tapyadi loha : ताप्यादि लोह मेरा सबसे प…
Bnys (bachelor of naturopathy and yogic…
Semicarpol या Semecarpus anacardium इस …
Explore the pulse diagnosis devic…
Sinusitis is a condition in which there…
At [Ayushyogi], we believe in the trans…
मिर्गी के रोगियों को परहेज के लिए इन वि…
चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेदिक आवरण के…
Pitta Dosa is a term used in Ayurveda t…
Epilepsy is a chronic neurological diso…
Nadi pariksha:-Guru Dronacharya ji, who…
Easy way to understand Ayurvedic slokas…
alopecia areata treatment in Hindi इन्द…
100 Epilepsy patient के ऊपर आयुर्वेदिक …
how nature affects herbs: deep relation…
If a Yoga teacher also studies Ayurveda…
Dashmularishta के अनेक फायदे आपने जरूर …
there are three doshas, Kapha, Pitta, a…
Nabaz Dekhne ka Tarika सीखने के लिए आपक…
Ayurvedic Dietician की मांग दुनिया में …
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को हिंदू धर्मावलं…
Indian Famous Nadi Vaidya was asked abo…
Medical astrology online course:- Do yo…
Nadi vaidya Certificate Course in Nepal…
Epilepsy Treatment संभव है। Epilepsy जि…
Mirgi ka dora:-अपस्मार चिकित्सा विधि &b…
Prakriti pariksha आयुर्वेद का महत्वपूर्…
CCAT Course (Certificate course in Ayur…
Rakta Mokshan:- Rakta mokshna चिकि…
50th,Charakokta Mahakashaya Articles 50…
Advance Nadi Pariksha Course सीखने के इ…
Diabetes Mellitus मधुमेह और प्रमेह क्या…
सभी रोगों का नामाकरण करना सम्भव नहीं हो…
Pulse diagnosis course:-To learn …
About:- pulse diagnosis course:- p…
Swedopag mahakashaya स्…
स्नेहोपग महाकषाय 50 महाकषाय मध्ये सवसे …
Dhatu Bikar विकारो धातुवैषम्यम्: &…
Shukrajanan Mahakasaya शुक्र…
Stanyajanana Rasayanam चरक संहिता…
Vishaghna Mahakashaya:- विषघ्न महाकषाय …
50th'Charak Mahakasaya;- इस आर्टिकल…
Kanthya Mahakashaya:- कण्ठ्य महाकषाय क्…
What is Balya Mahakashaya:-बल्य महाकषाय…
Deepaniya Mahakashaya:- दीपनीय महाकषाय …
Doot Nadi Pariksha दूत नाड़ी परीक्षण वि…
Sandhaniya Mahakashaya संधानीय महाकषाय,…
Bhedaneeya mahakasaya भेदनीय महाकषाय ले…
मिर्गी का अचूक इलाज के साथ Mirgi ke tot…
Lekhaniya Mahakashaya कफ के परमाणुओं को…
bruhaniya Mahakashaya कुपोषण नाशक मांस …
Jivniya Mahakashaya जीवनीय महाकाय …
Nadi parikcha Book Pdf: pulse dia…
Mirgi ka ilaj आयुर्वेद से करें।ऑपरेशन भ…
Panchkarm Vamana therapy आयुर्वेदिक चिक…
Indigestion Causes समय से पहले भोज…
Nadi Pariksha course:- Ayushyogi …
आइए rabies क्या है | इसका कारण लक…
Diploma in Naturopathy and Yogic Scienc…
Vedic Medical astrology द्वारा हम कैसे …
Feeble lung pulse को आयुर्वेद में कमजोर…
जब हम किसी सद्गुरु के चरणों में सरणापन…
New born baby massage oil बनाने और अलग-…
mirgi ke rogi: मिर्गी के रोगियों क…
अगस्ति या अगस्त्य (वैज्ञानिक नाम: Sesba…
भोजन के चरण बद्ध पाचन के लिए जो क्रम आय…
malkangani क्या है:- what is jyot…
अपने हेतुओं से उत्पन्न दोष या व्याधि को…
चरक संहिता को महर्षि चरक ने संस्कृत भा…
अगर आप भी Nadi pariksha online course क…
Mirgi की आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्…
आरोग्यवर्धिनी वटी: मांसवह स्रोतस और मेद…
Sitopaladi वात वाहिनी नाड़ियों पर…
अगर हम आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से दे…
Introduction
यदि चिकित्सक के पास…