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Telepathy Kya Hota Hai? | Ayushyogi Online Telepathy Master Course

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Telepathy क्या होता है इस विषय में अधिक जिज्ञासा देखा गया है इसीलिए यह blog टेलीपैथी में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों या साधकों को ध्यान में रखकर लिखा गया है।

Telepathy जिसे मानसिक संचार (Mental Communication) भी कहा जाता है, एक ऐसी विद्या है जिसके माध्यम से बिना बोले और बिना शारीरिक संकेतों के विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। यह एक प्राचीन और रहस्यमयी कला है जिसे कई सभ्यताओं और संस्कृतियों में मान्यता प्राप्त है। लेकिन आज भी यह विषय उतना ही रोचक और रहस्यपूर्ण है जितना कि हजारों साल पहले था।

Telepathy के विषय में अधिक भ्रामक बातें  सोशल साइट में पढ़ने को मिलती है इसीलिए मुझे लगा इस विषय में एक सत्य और रोचक तथ्य आप के सामने रख दुं ।

आजकल हो यह रहा है की कोई भी आदमी आंख बंद करते ही दिखने वाली तारों को ही भगवान बताकर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है।
ऐसे में सच क्या है यह जानना यदि आपका मकसद है तो 
आपको बगैर प्रलोभन के इस विषय के वारे में यथावत जानकारी देने के लिए Ayushyogi प्रतिबद्ध है ।

how dose telepathy work | टेलीपैथी क्या है | Mental Communication

टेलीपैथी का अर्थ और महत्व | telepathy meaning in hindi

Telepathy इस शब्द का अर्थ कुछ भी हो यदि हम भारतीय भूमि में पले बड़े है या यहां के आध्यात्मिक सभ्यताओं का अनुसरण करते हैं तो इसका हमें अर्थ अपनी संस्कृति और परंपरा के हिसाब से ही लगाना होगा। 
यदि ऐसा है तो टेलीपैथी का अर्थ - अपने विकसित तेज और ऊर्जा द्वारा दूसरे व्यक्ति तक अपने संदेश को पहुंचाना यह अर्थ हो सकता है। 

यदि हम टेलीपैथी का महत्व की बात करते हैं तो इस भारत भूमि में प्राचीन समय से ही इसका महत्व अग्रगण्य रहा है। आपने धर्मशास्त्र और पुराणों में इन प्रसंगों को तो जरुर सुना होगा इन सभी अवस्थाओं में जो आकाशवाणी हुई है वह टेलीपैथी का ही एक हिस्सा हैं शास्त्रों में उसको अलग तरह से प्रस्तुत किया गया था यह अलग बात है।

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यदि आप भी इसी तरह अपने घर में बैठे इस दिव्य telepathy and mind reading master course को सीखना चाहते हैं तो तुरंत संपर्क करें 8699175212 हमारा यह class हर महीने होता रहता है ।

पुराणों में telepathy के प्रसंग कई स्थानों पर वर्णित हैं। यहां कुछ प्रमुख प्रसंगों का उल्लेख किया गया है:

प्राचीन ग्रंथों में टेलीपैथी के प्रमाण

वेद और उपनिषद: प्राचीन भारतीय वेद और उपनिषद में मानसिक और आध्यात्मिक संवेदी तंत्रों के बारे में उल्लेख है, जो टेलीपैथी से संबंधित हो सकते हैं।

सिद्धांतों और योग ग्रंथों में वर्णन: योग और तंत्र शास्त्रों में मन की शक्तियों और आपसी मानसिक संचार के बारे में लिखा गया है, जो टेलीपैथी के सिद्धांतों को समर्थन प्रदान करता है।

महाभारत और रामायण: इन प्राचीन महाकाव्यों में भी टेलीपैथी जैसे मानसिक संचार की घटनाओं का उल्लेख मिलता है, जैसे कि शक्तिशाली ऋषियों और साधकों की मानसिक क्षमताओं के संदर्भ में।

 

1:- भागवत पुराण: जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तब कंस को आकाशवाणी (telepathy) द्वारा चेतावनी दी गई थी कि उसका वध देवकी के आठवें पुत्र द्वारा होगा। यह प्रसंग श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कंध में वर्णित है।

2:- विष्णु पुराण: इसमें भी कंस और श्रीकृष्ण से संबंधित (telepathy)आकाशवाणी का वर्णन मिलता है, जिसमें बताया गया है कि कंस को देवकी के आठवें पुत्र से अपने मृत्यु का भय था।

3:- शिव पुराण: शिव पुराण में भी कई स्थानों पर आकाशवाणी (telepathy) का वर्णन है, विशेषकर जब कोई महत्वपूर्ण घटना या भविष्यवाणी की जाती है।

4:- देवी भागवत पुराण: इस पुराण में आकाशवाणी(telepathy) का वर्णन उस समय होता है जब राजा हिमालय की पुत्री पार्वती के विवाह की चर्चा होती है, और भगवान शिव से संबंधित भविष्यवाणियां की जाती हैं।

5:- महाभारत: महाभारत में भी आकाशवाणी के कई प्रसंग हैं, जैसे कि भीष्म पितामह के जन्म से संबंधित प्रसंग, जहां गंगा देवी को आकाशवाणी (telepathy) के माध्यम से बताया जाता है कि उनके पुत्र भीष्म का जीवन महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा होगा।

6:- पराशर ऋषि और सत्यवती: महाभारत के प्रसिद्ध पात्र वेदव्यास का जन्म पराशर ऋषि और सत्यवती के मिलन से हुआ था। पराशर ऋषि ने अपनी तपस्या के बल पर सत्यवती को अपने वश में कर लिया था, जिससे वेदव्यास का जन्म हुआ।
वेदव्यास द्वारा यह जो क्रिया हुआ किसी भी टेलीपैथी ही कहा जा सकता है।

7:- वेताल पंचविंशति:

इस कथा संग्रह में राजा विक्रमादित्य और वेताल के प्रसंग में कई बार व्यक्ति के शरीर में अन्य शक्तियों के प्रवेश या माया का उल्लेख होता है, जहां आत्मा या अन्य शक्तियों द्वारा किसी व्यक्ति को वश में किया जाता है।

8;- स्कंद पुराण:

इसमें भी कई मायावी चरित्रों द्वारा दूसरों के शरीर में प्रवेश करने और उन्हें अपने वश में करने का वर्णन है। विशेष रूप से राक्षस और दैत्य अपने मायावी शक्तियों से दूसरों को प्रभावित करते थे ।

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टेलीपैथी की परिभाषा


ऊपर वर्णित टेलीपैथी विषयक पौराणिक प्रसंग से हमें यह पता चलता है कि यह एक ऐसी कला है जिसके द्वारा हम किसी व्यक्ति को दूर बैठे एक संदेश भेज सकते हैं। 
यानी कि जिसके माध्यम से किसी दूसरे व्यक्ति या किसी भी चेतनशील प्राणियों के चेतना में कुछ भावनात्मक शब्दों को पहुंचाना टेलीपैथी का मुख्य उद्देश्य है। 
यह टेलीपैथी सीखने के लिए जो प्रक्रिया अपनाया जाता है इस प्रसंग में वह बेहद गंभीर है। 

टेलीपैथी क्या है और इसको कैसे सिखा जाए संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस Link में click करें।

 

 टेलीपैथी के प्रकार: 

टेलीपैथी एक मानसिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति बिना किसी भौतिक माध्यम या शब्दों के दूसरे व्यक्ति के विचारों, भावनाओं, या इरादों को समझ सकता है या संप्रेषित कर सकता है। टेलीपैथी के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

 

मानसिक टेलीपैथी (Mental Telepathy)

यह सबसे सामान्य प्रकार की टेलीपैथी है, जिसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के विचारों या भावनाओं को समझ सकता है। इसे मानसिक संचार का रूप कहा जा सकता है। यह आमतौर पर दो लोगों के बीच होता है जो एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं, जैसे कि जुड़वाँ भाई-बहन, माता-पिता और बच्चे।

भावनात्मक टेलीपैथी (Emotional Telepathy)

 इस प्रकार की टेलीपैथी में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की भावनाओं या मूड को महसूस कर सकता है। यह तब होता है जब व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति को समझने में सक्षम होता है, भले ही वे शारीरिक रूप से दूर हों।

 

इच्छाशक्ति टेलीपैथी (Willful Telepathy)


इस प्रकार की टेलीपैथी में एक व्यक्ति अपने विचार या भावनाओं को जानबूझकर दूसरे व्यक्ति के मन में डाल सकता है। इसे "प्रक्षेपण" भी कहा जा सकता है, जहां कोई व्यक्ति अपनी मानसिक शक्ति का प्रयोग करके दूसरे के विचारों या कार्यों को प्रभावित करता है।

 

सहज टेलीपैथी (Spontaneous Telepathy)

 यह टेलीपैथी बिना किसी पूर्व योजना या प्रयास के होती है। उदाहरण के लिए, जब एक व्यक्ति अचानक किसी प्रियजन के बारे में सोचता है और उसी समय वह व्यक्ति कॉल या संदेश भेजता है।

 

सपनों के माध्यम से टेलीपैथी (Dream Telepathy)

इस प्रकार की टेलीपैथी तब होती है जब एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के साथ सपनों के माध्यम से मानसिक रूप से संवाद करता है। इसे अक्सर "सपनों के माध्यम से संदेश" या "सपनों के माध्यम से संचार" कहा जाता है।

 

जुड़वाँ टेलीपैथी (Twin Telepathy)


   - यह टेलीपैथी अक्सर जुड़वाँ बच्चों के बीच पाई जाती है। इस प्रकार की टेलीपैथी में जुड़वाँ भाई-बहन एक-दूसरे के विचारों और भावनाओं को बिना किसी स्पष्ट संचार के समझ सकते हैं।

 

विकासात्मक टेलीपैथी (Developmental Telepathy)


यह वह टेलीपैथी है जो व्यक्ति द्वारा अभ्यास, ध्यान, और मानसिक प्रशिक्षण के माध्यम से विकसित की जाती है। इसे एक प्रकार का मानसिक कौशल माना जा सकता है जिसे समय के साथ बढ़ाया जा सकता है।

ये सभी प्रकार की टेलीपैथी मानसिक संचार के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं, और उनके बीच की सीमाएं कभी-कभी धुंधली हो सकती हैं। व्यक्ति अपनी सामर्थ और साधना की प्रवृत्ति के आधार पhow telepathy work in love

र इन टेलीपैथी के प्रकारों का अभ्यास कर सकता है।

 

 टेलीपैथी कैसे काम करती है?

टेलीपैथी एक मानसिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति बिना किसी भौतिक माध्यम या शब्दों के दूसरे व्यक्ति के विचारों, भावनाओं, या इरादों को समझ सकता है या संप्रेषित कर सकता है। टेलीपैथी के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

 

मानसिक तरंगों का विज्ञान

टेलीपैथी का आधार मानसिक तरंगों का विज्ञान है। हमारे मस्तिष्क से लगातार विचार और भावनाएं उत्पन्न होती हैं, जिन्हें मानसिक तरंगों के रूप में देखा जा सकता है। इन तरंगों को विद्युत-चुंबकीय तरंगों की तरह समझा जा सकता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संप्रेषित होती हैं। टेलीपैथी में, जब एक व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को तीव्रता से सोचता है, तो ये मानसिक तरंगें दूसरे व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुँच सकती हैं, खासकर जब दोनों व्यक्तियों के बीच गहरा मानसिक जुड़ाव हो।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह माना जाता है कि मस्तिष्क के न्यूरॉन्स के बीच होने वाले विद्युत संकेत किसी व्यक्ति के विचारों को उत्पन्न करते हैं। यदि इन संकेतों को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ग्रहण किया जा सके, तो यह टेलीपैथी का रूप हो सकता है। हालाँकि, टेलीपैथी के वैज्ञानिक प्रमाणों की अभी भी खोज जारी है, लेकिन कई लोग इसके अनुभवों की पुष्टि करते हैं।

भावनात्मक जुड़ाव का महत्व

टेलीपैथी में सफल संचार के लिए भावनात्मक जुड़ाव अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जब दो व्यक्ति भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के करीब होते हैं, तो उनके बीच एक अदृश्य मानसिक पुल बनता है। यह पुल उन मानसिक तरंगों के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है, जो एक व्यक्ति के मन से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुंच सकती हैं।

उदाहरण के लिए, माता-पिता और बच्चों के बीच, या जुड़वाँ भाई-बहनों के बीच, अक्सर यह देखा गया है कि वे बिना कुछ कहे ही एक-दूसरे की भावनाओं और विचारों को समझ सकते हैं। यह भावनात्मक जुड़ाव उनके मानसिक संचार को मजबूत बनाता है। इस प्रकार, टेलीपैथी का सफल अभ्यास भावनात्मक गहराई और एकता पर निर्भर करता है।

टेलीपैथी और प्रेम संबंध

प्रेम संबंधों में टेलीपैथी का विशेष महत्व है। जब दो लोग एक-दूसरे के प्रति गहरे प्रेम और समर्पण की भावना रखते हैं, तो उनके बीच एक मानसिक और भावनात्मक सामंजस्य स्थापित होता है। यह सामंजस्य उनके विचारों और भावनाओं को बिना किसी शब्द या शारीरिक संकेत के संप्रेषित करने में सक्षम बनाता है।

कई प्रेमी जोड़े यह अनुभव करते हैं कि वे अपने साथी के मूड, विचार, या इच्छाओं को बिना किसी स्पष्ट संकेत के समझ सकते हैं। यह एक प्रकार की टेलीपैथी हो सकती है, जहाँ उनके बीच का प्रेम एक मानसिक सेतु का निर्माण करता है। इस प्रकार, प्रेम संबंधों में टेलीपैथी केवल मानसिक संचार नहीं, बल्कि गहरे भावनात्मक जुड़ाव का परिणाम होती है।

 टेलीपैथी के वास्तविक जीवन उदाहरण

  • 1:- दोस्तों की सोच में सामंजस्य: अक्सर ऐसा होता है कि आप और आपके करीबी दोस्त बिना बात किए एक ही विचार को साझा कर लेते हैं। यह स्थिति टेलीपैथी का एक साधारण उदाहरण हो सकती है।
  • 2:- माता-पिता और बच्चों के बीच संवेदी संपर्क: माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की भावनाओं और जरूरतों को बिना किसी शब्दों के समझ लेते हैं। यह भी एक प्रकार की टेलीपैथी हो सकती है।
  • 3:- दूरस्थ घटनाओं की पूर्वधारणा: कभी-कभी लोग दूरस्थ घटनाओं के बारे में पूर्वधारणा या संकेत प्राप्त कर लेते हैं, जैसे किसी परिवारिक सदस्य के स्वास्थ्य के बारे में संवेदी जानकारी।
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अपने जीवन में telepathy साधना को कैसे बढ़ाएं।

योग और ध्यान के माध्यम से टेलीपैथी का विकास
ध्यान अभ्यास: नियमित ध्यान से मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में सुधार होता है, जो टेलीपैथी के विकास में सहायक हो सकता है। ध्यान के दौरान अपने मन को शांत और केंद्रित करना टेलीपैथी के लिए आवश्यक मानसिक स्थिति को प्रोत्साहित करता है।

प्राणायाम: प्राणायाम (श्वास-प्रश्वास) की तकनीकें मानसिक संतुलन और ऊर्जा प्रवाह को सुधारने में मदद करती हैं, जिससे टेलीपैथिक क्षमताएँ प्रबल हो सकती हैं।

साधना और योग: विशेष योग आसनों और साधनाओं का अभ्यास मानसिक शक्ति को बढ़ा सकता है, जो टेलीपैथी की समझ और उपयोग को बढ़ावा दे सकता है।

 

मानसिक एकाग्रता की तकनीकें
माइंडफुलनेस: माइंडफुलनेस (वर्तमान क्षण में पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना) मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है, जिससे टेलीपैथिक संकेतों को समझने में मदद मिल सकती है।

ध्यान केंद्रित करना: किसी विशेष वस्तु, व्यक्ति या विचार पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करना मानसिक एकाग्रता को सुधारता है, जो टेलीपैथी के विकास में सहायक हो सकता है।

संवेदनाओं का अवलोकन: अपनी मानसिक और भावनात्मक संवेदनाओं पर ध्यान देना, और उन्हें समझने की कोशिश करना टेलीपैथिक संचार के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।

टेलीपैथी को सीखने के सरल उपाय

पार्टनर के साथ अभ्यास: किसी विश्वसनीय व्यक्ति के साथ नियमित टेलीपैथी अभ्यास करना, जैसे कि विचारों या भावनाओं को साझा करना, टेलीपैथिक क्षमताओं को सुधारने में मदद कर सकता है।

सोच को स्पष्ट करना: अपने विचारों को स्पष्ट और संक्षेप में व्यक्त करने का अभ्यास करें, ताकि मानसिक संचार की प्रक्रिया आसान हो सके।

टेलीपैथी के लिए साधन और पाठ्यक्रम: टेलीपैथी पर आधारित पुस्तकें, ऑनलाइन पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ आपकी क्षमताओं को विकसित करने में सहायक हो सकती हैं।

इस संरचना का उपयोग करके आप पाठकों को टेलीपैथी के विकास और अभ्यास के लिए व्यावहारिक और प्रभावी सुझाव दे सकते हैं।


Ayushyogi Telepathy Master Course: मानसिक संचार की कला सीखें


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हमारा कोर्स न केवल आपको टेलीपैथी की मूल बातें सिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि किस प्रकार आप अपने मन की शक्तियों को जागृत कर सकते हैं। चाहे आप इस विद्या में नए हों या पहले से कुछ ज्ञान रखते हों, यह कोर्स हर स्तर के छात्रों के लिए उपयुक्त है।

Telepathy Training Online: घर बैठे सीखें मानसिक शक्तियों का उपयोग

Ayushyogi के इस कोर्स की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि आप इसे अपने घर से ही ऑनलाइन कर सकते हैं। हमारे Telepathy Training Online प्रोग्राम में, आपको वीडियो लेक्चर, प्रैक्टिकल एक्सरसाइज, और लाइव सत्रों के माध्यम से शिक्षित किया जाएगा। आप अपने सवालों के जवाब पाने के लिए हमारे विशेषज्ञों से भी सीधे संवाद कर सकते हैं।

Telepathy Learning in Hindi: अपनी भाषा में समझें टेलीपैथी की बारीकियां

हम जानते हैं कि मातृभाषा में सीखने का अनुभव अधिक गहरा होता है। इसलिए हमारा यह कोर्स पूरी तरह से हिंदी में उपलब्ध है, ताकि आप आसानी से और बेहतर तरीके से टेलीपैथी की बारीकियों को समझ सकें।

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Ayushyogi का Telepathy Master Course अन्य कोर्सों से अलग है। हम न केवल सिद्धांत पर ध्यान देते हैं, बल्कि आपको प्रैक्टिकल ज्ञान भी प्रदान करते हैं, जिससे आप अपनी टेलीपैथी क्षमताओं को वास्तविक जीवन में लागू कर सकें। साथ ही, कोर्स पूरा करने पर आपको एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिससे आपकी योग्यता प्रमाणित होगी।

टेलीपैथी के लाभ और भविष्य की संभावनाएं

टेलीपैथी न केवल व्यक्तिगत विकास का एक साधन है, बल्कि यह भविष्य में कई क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है, जैसे कि संचार, शिक्षा, चिकित्सा आदि। इस विद्या को सीखकर आप न केवल अपने जीवन को बदल सकते हैं, बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

निष्कर्ष

यदि आप टेलीपैथी की इस रहस्यमयी और शक्तिशाली विद्या में रुचि रखते हैं, तो Ayushyogi का Online Telepathy Master Course आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। आज ही नामांकन करें और अपनी मानसिक शक्तियों को जागृत करें!

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