श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को हिंदू धर्मावलंबी लोग रक्षाबंधन के नाम से उत्सव मनाते हैं। रक्षाबंधन भाई और बहनों के आपसी प्यार और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन वैसे तो प्यार का प्रतीक है लेकिन ग्रह और नक्षत्र को ध्यान में रखकर यह उत्सव मनाया जाए तो इसे अच्छा माना जाता है। रक्षाबंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित (यानी भद्रा दोष ना हो ऐसे समय में) अपराहृण व्यापिनी(यानी दोपहर के बाद भी पूर्णिमा हो) ऐसे समय में रक्षाबंधन का उत्सव मनाना चाहिए।
रक्षाबंधन 2022 का सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त तो 11/अगस्त/2022 सायं 17:18pm से 18:0pm यह समय ही रक्षाबंधन के लिए सबसे उत्तम समय है।
मगर यदि किसी कारणवश शुभ समय का इंतजार नहीं किया जा सकता तो रक्षाबंधन के समय में भद्रा शांति करके इस पवित्र रक्षाबंधन 2022 को मनाया जा सकता है।
रक्षाबंधन पर राखी बांधने के कई अबूझ मुहूर्त रहेंगे. इस दिन सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा. फिर दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. इस दौरान आप कोई भी शुभ मुहूर्त देखकर भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं. मगर याद रहे रक्षाबंधन 2022 इस अवसर पर यदि आप इस समय पर रक्षाबंधन करते हैं तो इसमें भद्रा दोष शांति जरूरी है। अब सवाल उठता है यह भद्रा है क्या चीज , इसके जानकारी पाने के लिए नीचे के लाइन ध्यान से पढ़ें।
रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है. ऐसा कहा जाता है कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर उसका विनाश हो गया था. ऐसा कहा जाता है कि भद्रा शनिदेव की बहन थी. भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा.
इस भद्रा दोष का विचार पूर्व समय में कई राजा महाराज आए जब कुछ शुभ कार्य करते थे तो वहां भी इस को ध्यान में रखकर ही किया जाता था।
वैसे तो धर्मशास्त्र में भद्रा दोष शांति के लिए काफी लंबा विधि बताया है मगर आज भाई और बहन का पवित्र पर्व है इस आधार पर क्योंकि भद्रा तो शनि की वाहन है। यदि उस दिन शनि भगवान को चिंतन और पूजन करके उनकी बहन भद्रा की भी स्मरण करके एक अखरोट में काला धागा बांधकर उसमें सरसों के तेल से स्नान कराकर उसको शनी के मंदिर में चढ़ा लीजिए उसके बाद- सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त या फिर दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त मैं से किसी भी मुहूर्त में आप रक्षाबंधन का उत्सव मना सकते हो।
आप सभी भाई और बहनों को इस रक्षाबंधन का अनेकों शुभकामनाएं।
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