New born baby massage oil बनाने और अलग-अलग मौसम में अपने new born baby के ऊपर प्रयोग करने का विशेष तरीका हम इस पोस्ट में लिखेंगे।new born baby का शरीर बहुत अधिक सेंसेटिव होता है। ऐसे कोमल शरीर वाले new born baby के शरीर में प्रयोग किए जाने वाले बाजारु तेल के ऊपर आंख बंद करके भरोसा करना भी अच्छी बात नहीं है।
भारतवर्ष आयुर्वेद के खजाना को लिए सदियों से अपने गर्भ में जन्म लेने वाले संतान की संरक्षण करता आया है।हमें इसी बात पर हिंदुस्तानी होने का गर्व होना चाहिए कि हमारे संस्कृति में आयुर्वेद जैसे दिव्य ग्रंथ उपलब्ध है।
जिसके थोड़े बहुत भी अध्ययन करने से हम खुद से इतना सक्षम हो सकते हैं कि ऐसे किसी भी समस्या के लिए हम खुद ही घरेलू चिकित्सा का उपाय ढूंढ सकने में समर्थवान रहते हैं।
हमारे यहां तो सदियों से दादिया घर में उपलब्ध दालचीनी तेजपत्ता लोंग इलाइची शोंठ आदि साधारण चीजों से बेहद असरदार मसाज तेल का निर्माण करती थी ।
आज भी गांव में यही परंपरा चली आ रही है। जैसेअगर आपके बच्चे को सर्दी हो गई है तो सरसों के तेल (Mustard Oil) में थोड़ी सी अजवाइन और 2 लहसुन के छोटे-छोटे टुकड़े करके खूब गर्म करें, जब अजवाइन और लहसुन पक न जाएं तब इसे हल्का गुनगुना होने तक रख दें. उसके बाद छानकर इस तेल से पुराने जमाने के लोग new born baby ke शरीर में मसाज किया करते थे।
इन दिनों कुछ समय से एलोपैथिक डॉक्टर गर्मी के दिनों में छोटे New baby new born baby के शरीर में मसाज ना करने की सलाह देते हैं यह भी गलत है |new born baby के शरीर में कफ का प्रभाव अधिक होता है इसीलिए कफ शोधन हेतु और शरीर के हर अर्गन की मजबूती के लिए सरसों का तेल को अपने हाथ में लगाना है। अब आग में हाथ को सेक कर गरमा गरम बच्चे के शरीर में हल्के हाथ से मसाज करना है । यह विधि आप किसी भी ऋतु में कर सकते हैं और जरूर करना चाहिए।
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यदि आपके घर में अभी नवजात शिशु ने जन्म लिया है तो उसके शरीर मैं सरसों के तेल से मसाज करें क्योंकि इस वक्त उस बच्चे का शरीर अति कोमल होने के कारण से हम मसाज ऑयल में किसी प्रकार का जड़ी बूटियों का स्तेमाल नहीं करेंगे।
जैसे-जैसे शरीर का विकास होगा धीरे धीरे हम उस तेल में कुछ जड़ी बूटियां डालकर तैयार करेंगे।
यदि आपका बच्चा स्वस्थ है और आप कुछ स्पेशल दवाइयों से अपने ही घर में बेबी मसाज ऑयल तैयार करना चाहते हैं तो
नागर मोथा
सहजन का जड़
एरण्ड का पंचांग
आंक का जड
पुनर्नवा का पंचांग
जौ,तिल, कुल्थी
इन सभी को तिल के तेल में पकाना है और बाद में छानकर बच्चे के शरीर में मसाज करना है।
ऊपर दिए गए जड़ी बूटियों को चरक संहीता में स्वेदोपग द्रव्य के नाम से जाना जाता है इन द्रव्यों के प्रयोग से तैयार किया हुआ आयुर्वेदिक जड़ी बूटी सिद्ध तेल New born baby के शरीर में पसीना उत्पन्न करके शरीर के अंदरूनी दोस को बाहर निकालने में सहयोगी रहेगा।
Which baby oil is best for new born baby?
New born baby के मालिश करने के लिए जिसमें स्वेदोपग जड़ी बूटियों के योग से तेल तैयार किया हुआ हो वही तेल देखा जाए तो अच्छा होता है मगर फिर भी आप खुद से नारियल का तेल सरसों का तेल विशेष करके प्रयोग कर सकते हैं।
मगर यदि आप बाजार से तेल खरीदते हैं तो रिफाइंड किया हुआ तेल नहीं होना चाहिए इस चीज का ध्यान रखना है।
क्या नारियल तेल New born baby की मसाज के लिए ठीक रहता है?
बेबी मसाज ऑयल बनाने के लिए कौन-कौन सी जड़ी बूटियों की जरूरत रहती है।
आपके घर में यदि जो बच्चा है उसका उम्र 3 साल से अधिक हो चुका है शारीरिक रूप से कमजोर है तो आप तिल के तेल में मालकांगनी और अजवाइन डालकर अच्छी तरह से पका लीजिए उसके बाद छानकर इस तेल से हर रोज मसाज करें।ध्यान देना अपने हाथ में तेल लगाना है और आग में हाथ को तपाकर फिर बच्चे के शरीर के ऊपर मसाज करना है।
यदि आपका बच्चा का शरीर हद से ज्यादा कमजोर है या उसके स्क्रीन बहुत पतला है तो ऑलिव आयल से हरगिज़ बच्चे का मसाज ना करें ध्यान देना ऑलिव आयल शरीर में फैट को कम करता है आयुर्वेद में कमजोर शरीर वालों के लिए शोधन क्रिया करने को मना किया गया है ऐसा कोई खाने वाली चीज ना दे जो नमकीन या मिर्च मसालेदार होगा क्योंकि यह भी शरीर को लघु करने वाला होगा।
कुछ ऐसे जड़ी बूटी जिसका इफेक्ट सीधा हड्डियों में होती है उन जड़ी बूटियों को कलेक्शन करें । जैसे अपामार्ग का जड़, पहाड़ी हत्था जोड़ा, भल्लातक आदि औषधियों से तिल के तेल में उसको पका लें। यही है new born baby के हड्डियों को मजबूत करने वाली आयुर्वेदिक तेल।
नव जन्मजात शिशु के शरीर अति संवेदनशील होता है यह आप सभी जानते ही हो New born baby के शरीर में तेल से यदि मसाज करना हो तो सूर्य की किरणों के सामने बच्चे को उल्टा लेटा दे और अपने हाथ में दिल को लगा कर आग में थोड़ा गर्म करें और वही हाथ से बच्चे के शरीर में धीमी धीमी दबाव के साथ मसाज करें।
New born baby के मसाज ke लिए यदि आप तेल निर्माण करना चाहते हैं तो चरक संघिता में बताए गए स्वेदोपग द्रव्यों को कलेक्शन करें और उसी से तिल के तेल में सिद्ध करें यह हर उम्र के लोगों के लिए अति गुणकारी तेल होगा।
दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं की सर्दी के मौसम में शरीर के अंदर जठराग्नि बड़ी तीव्र होती है मगर शरीर के बाहरी हिस्से में सूर्य के किरण न पहुंचने और ठंड के कारण से त्वचा में नमी बनी हुई रहती है। ऐसे में अगर छोटा बच्चा है और उसके शरीर को मसाज करना है तो कुछ उष्ण प्रकृति के जड़ी बूटियों का कलेक्शन करके जिसमें स्निग्ध और उष्ण गुण विद्यमान हो ऐसे जड़ी बूटियों के सहयोग से तेल सिद्ध करें और उसी तेल से शरीर में मसाज करें यह तेल सर्दी के मौसम में शरीर की संरक्षण करते हुए आपके शरीर में बल वर्ण और और ओज निर्माण करने में सहयोगी होगा।
यदि गर्मी का मौसम हो और गर्मी के दिनों में आपके घर में नन्हे बालक ने दस्तक दिया हो और उसके शरीर में आप किसी तेल से मसाज करना चाहते हैं लेकिन बाजारु कोई भी तेल के ऊपर अब यकीन नहीं रहा ।
तो आप कुछ ऐसा जड़ी बूटी जो सौम्य प्रकृति का हो को कलेक्शन करें और नारियल के तेल में उसको पका लें यह तेल गर्म मौसम में मसाज करने हेतु प्रयोग करें। यहां जड़ी-बूटी के रूप में आप नागर मोथा नीम का पत्ता चिरायता कुटकी ब्राह्मी शंखपुष्पी इंद्रियों का संकलन करके इससे तेल निर्माण करें यह तिक्त रस वाला सौम्य द्रव्य आपके New born baby के शरीर का संरक्षण करेगा।
बरसात के दिनों में प्रकृति में वायु अधिक बढ़ती है इन दिनों अगर कोई अच्छी फार्मेसी का तेल आपको दिखता है तो आप जरूर नारायण तेल महामाश तेल का प्रयोग करें वात शामक जड़ी बूटियों से भी आप तेल सिद्ध करके बच्चे के शरीर में मसाज कर सकते हैं।
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