Learn Ayurveda Pulse Diagnosis,Kaya Chikitsa,Medical Astrology And Other Lots Of Treditional Ayurvedic Information

Share

नाड़ी परीक्षण आसान भाषा में सिखाने वाले वैद्य | Nadi dekhne ka aasan tarika |

Blog Pic

Nadi pariksha:-Guru Dronacharya ji, who teaches the best pulse diagnosis (Nadi pariksha) through online, is preparing for the new session of 2023.
  If you also want to participate in this ( nadi pariksha) pulse Diagnosis online class and want to get this extremely rare confidential (Nadi Pariksha) pulse Diagnosis education, then contact us immediately.

nadi pariksha class

About AyushYogi Nadi pariksha online course |

Ayushyogi has been teaching Ayurveda lovers for a long time the rare Guru Shishya traditional method of conducting (nadi pariksha) pulse Diagnosis along with general and specialized Ayurvedic knowledge.
 It is the endeavor of Ayush Yogi that there should be Ayurveda-educated people in every house. Knowledge of diseases is possible only through the Ayurveda method.  It is better to know the cause of the disease than to do symptomatic treatment and destroy it completely through Ayurvedic Dinacharya, Ritucharya, and Sadvritta – otherwise, the same defect may increase day by day and cause other problems as well.

आयुर्वेद सीखना बेहद आसान है और वह भी गुरु द्रोणाचार्य जी के सरल भाषा में पढ़ने और सुनने का अवसर मिले तो यह आयुर्वेद तथा आयुर्वेदिक नाड़ी परीक्षण ज्ञान और भी सरल हो सकता है।

हमारे यहां से आपको क्या-क्या सीखने को मिलेगा।

यदि आप आयुर्वेद कुछ भी नहीं जानते तो आप को थोड़े बहुत आयुर्वेद सीखना चाहिए। बस इसी संकल्प को लेकर Ayushyogi घर-घर लोगों को आयुर्वेद सिखाने के लिए अग्रसर है।
यह कार्य इन दिनों online के माध्यम से चल रहा है क्योंकि यह व्यवस्था सभी लोगों के लिए सुलभ और सरल है।
हमारे यहां से आप निम्न बातों को सीख सकते हो।

  • 1. सामान्य आयुर्वेद विषयक परिचय.
  • 2. आयुर्वेद में दिनचर्या ऋतुचर्या तथा सद्वृत्त के आधार पर कैसे स्वस्थ जीवन जी सकते हैं इसके ऊपर विस्तृत चर्चा।
  • 3. शरीर के लक्षणों को देखकर शरीर के अंदर होने वाली विकृति पहचानने की सरल विधि।
  • 4. स्वस्थ रहने के लिए सामान्य रूप से संपूर्ण आयुर्वेदिक जानकारी
  • 5. बीमार व्यक्तियों को कैसे ठीक किया जाए वह भी सामान्य जड़ी बूटियों से इसके ऊपर विस्तृत व्याख्यान।
  • 6. रोग परीक्षण के लिए अत्यंत दुर्लभ नाड़ी परीक्षण की सहजता पूर्वक प्रशिक्षण
  • 7. पूर्वजन्मानुकृत दोषों को जानने के लिए मेडिकल एस्ट्रोलॉजी प्रशिक्षण की सफल व्यवस्था।
  • 8. आयुर्वेद का सर्वोत्तम ग्रंथ चरक संहिता का नित्य प्रशिक्षण की व्यवस्था।

 

Nadi dekhne ka aasan tarika.

Nadi dekhne ka aasan tarika.

नाड़ी देखने का आसान तरीका आपको Ayushyogi Online class मैं प्रवेश करने के बाद सीखने को मिलेगा। आयुर्वेद गुरु शिष्य परंपरागत ज्ञान है। यह अनुभव गम्य विषय है। नाड़ी परीक्षण सीर्फ सुनने या पढ़ने मात्र से नहीं आता।
 नाड़ी देखने का आसान तरीका यही है की अनुभवी शिक्षक से नाड़ी परीक्षण विधि सिद्धांत को सीख कर स्वयं निरंतर अभ्यास करते रहे।

नाड़ी परीक्षण सिखाने वाला अनुभवी गुरु की पहचान।

जैसे की हम चर्चा करते हुए आ रहे हैं कि नाड़ी परीक्षण यह शब्द का विषय नहीं अनुभव का विषय है लेकिन जब हम किसी से इसको बढ़ते हैं तो वहां सिर्फ नाड़ी परीक्षण ज्ञान का अत्यधिक अनुभव होने मात्र से हम उनसे यह नाड़ी परीक्षण ज्ञान को नहीं सीख सकते क्योंकि नाड़ी परीक्षण अनुभव गम्य विषय है।
इसको वही सिखा सकता है जो सिखाने के लिए एक्सपर्ट हो यानी समझाने का विधि के प्रति सजग हो।
सभी ज्ञानी ज्ञानी तो हो सकते हैं लेकिन दूसरों को ज्ञान देने में असमर्थ होते हैं क्योंकि उस ज्ञान का व्याख्यान करने की जो प्रविधि है वह सभी में विद्यमान नहीं होता इसीलिए भी शायद लोग वैद्य द्रोणाचार्य जी से नाड़ी प्रशिक्षण सीखने के लिए रिक्वेस्ट करते हैं क्योंकि उनमें सिखाने की हुनर है।

किसी आयुर्वेदिक चिकित्सकों के लिए नाड़ी परीक्षण कितना महत्व हो सकता है अभी आप इसका कल्पना नहीं कर सकते ।
जब आप में किसी भी रोगी की नाड़ी पकड़ते ही उसके समूचा शरीर के हाल बयान करने की सामर्थ आने लगे तो अचानक आप एक योग्य और सफल व्यक्ति के रूप में पहचानने लगोगे।

learn ayurveda at home

नाड़ी ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ | 

नाड़ी देखना तब आसान होगा जब आपके हाथ में कोई ऐसा बुक आ जाए जिसमें सही-सही नाड़ी परीक्षण की जानकारी लिखी हुई हो इस संदर्भ में मैंने रावण संहिता जो नाड़ी परीक्षण सिखाने वाला सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ के रूप में जाना जाता है को खरीद कर लाया और पढ़ना शुरू किया मगर संस्कृत के शब्द का अर्थ तथा उसके भाव और सारांश को समझ पाना इतना आसान नहीं था फिर हमारे गुरु जी ने हमें उन शब्दों का वास्तविक भाव अपनी तरीका से समझाया तो थोड़ा-थोड़ा समझ में आया।

संस्कृत का शब्द अत्यंत सारगर्भित होता है भावों को प्रदर्शित करने वाला एक ही शब्द होता है एक शब्द से अनन्त भाव को अनुभव करना इतना आसान नहीं है। लेकिन यदि आप आयुष होगी ऑनलाइन क्लास में सहभागी होते हैं तो धीरे-धीरे इन शब्दों के अर्थ को समझकर नाड़ी परीक्षण करने का प्रशिक्षण आप प्राप्त कर सकते हैं।


जैसे इस सूत्र को ही देख लीजिए।
बताद्वक्रगतिनांडी पित्ताच्चपलगा भवेत् ।
कफान्मन्दगतिश्चैषा मिश्रिते मिश्रगा भवेत् ॥

यहां वायु वक्र गति, पित्त चंचल गति और कफ मंद गति का मतलब क्या हो सकता है। नाड़ी में वक्र गति को सटीक कैसे देखें बक्र यानी तिरछा तो होता है मगर नाड़ी में यह किस रूप में दिखेगा यह आप कैसे पहचान लिया। चंचल और वक्र गति में साधारणतया कोई खास अंतर नहीं होता क्योंकि चंचलता में भी बक्र गति हो सकती है तो चंचल और वक्र इस गति को आप कैसे पहचानोगे। ऐसी कुछ बातें हैं जिसको सिर्फ पुस्तक पढ़ने से पता नहीं चलता है।

नाड़ी समझना इतना आसान नहीं है।
यह एक और श्लोक लीजिए।


स्थिरा श्लेष्मवती प्रोक्ता सर्वलिङ्गा च सर्वगा ॥
श्लेष्मणा स्तिमिता स्तब्धा मिश्रा मिश्रैस्तु लक्षयेत् ॥ (रावण)

इस सूत्र का शाब्दिक अर्थ जानने मात्र से आप सफल नाड़ी परीक्षक नहीं हो सकते इन प्रत्येक शब्दों का अर्थ और महत्व काफी विस्तृत है उसको समझने के लिए गुरुमुखी होना compulsory है। नाड़ी समझने का आसान तरीका यही है कि आप ग्रंथों के सहारे मत रहिए उसके रहस्य को जानने वाला किसी गुरु के ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करें।

आयुर्वेदिक चिकित्सा और कठिनाइयां।

जैसे कि हम उपर बात करते हुए आ चुके हैं कि रोग परीक्षण के लिए आयुर्वेद ही सर्वोत्तम पद्धति है मगर यह तब तक संभव नहीं जब तक आपके आंखों में एलोपैथिक डायग्नोसिस रूपी चश्मा पड़ा हुआ है। अब इसका मतलब यह भी नहीं की एलोपैथिक आयुर्वेद से छोटा है मगर यह जरूर है कि दोनों अलग-अलग सिद्धांत है दोनों को एक ही चश्मा से देख नहीं सकते।
हां यह जरूर संभव है कि हम एलोपैथिक रोग परीक्षण से एनाटॉमिकल और फिजियोलॉजिकल कंडीशन को ध्यान में रख सकते हैं।
मगर फिर भी सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक वही है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा करने के संदर्भ में आयुर्वेदिक रोग परीक्षण का सहारा ले ना की एलोपैथिक का।
आयुर्वेदिक चिकित्सा तब तक कठिन है जब तक आप अपने प्रैक्टिस में एलोपैथिक डायग्नोसिस के चश्मा को लगाएं बैठोगे
जिस दिन आयुर्वेदिक पद्धति जैसे
  लक्षण के आधार पर दोष ज्ञान,हेतु ज्ञान, और इनके आधार पर हेतु और दोष विपरीत चिकित्सा यह सर्वोत्तम आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है।
दिनचर्या, ऋतु चर्या और सद्वृत्त पालना में त्रुटि होना, वेगावरोध यह सभी आयुर्वेद का आयाम है इनके सहारे ही हम रोगी को स्वस्थलाभ दे सकते हैं।

विरेचन कर्म की सम्पूर्ण विधि: virechan treatment in hindi

घर में ही रहकर संपूर्ण पंचकर्म विधि से …

Telepathy Kya Hota Hai? | Ayushyogi Online Telepathy Master Course

Telepathy क्या होता है इस विषय में अधिक…

India's Best One Year Ayurveda Online Certificate Course for Vaidhyas

यदि आप भी भारत सरकार Skill India nsdc द…

The Beginner's Guide to Ayurveda: Basics Understanding I Introduction to Ayurveda

Ayurveda Beginners को आयुर्वेदिक विषय स…

Ayurveda online course | free Ayurveda training program for beginner

Ayurveda online course के बारे में सोच …

Nadi Vaidya online workshop 41 days course  brochure । pulse diagnosis - Ayushyogi

Nadi Vaidya बनकर समाज में नाड़ी परीक्षण…

आयुर्वेद और आवरण | Charak Samhita on the importance of Aavaran in Ayurveda.

चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेदिक आवरण के…

स्नेहोपग महाकषाय | Snehopag Mahakashay use in joint replacement

स्नेहोपग महाकषाय 50 महाकषाय मध्ये सवसे …

Varnya Mahakashaya & Skin Problem | natural glowing skin।

Varnya Mahakashaya वर्ण्य महाकषाय से सं…

Colon organ pulse Diagnosis easy way | How to diagnosis feeble colon pulse in hindi |

जब हम किसी सद्गुरु के चरणों में सरणापन…

Pure honey: शुद्ध शहद की पहचान और नकली शहद बनाने का तरीका

हम आपको शुद्ध शहद के आयुर्वेदिक गुणधर्म…