Nabaz Dekhne ka Tarika सीखने के लिए आपको किसी योग्य उस्ताद की जरूरत होगी | यदि आप वाकई में यूनानी चिकित्सा में सफल होना चाहते हैं तो इसके लिए Nabaz Dekhne ka Tarika आपको आना चाहिए। वैसे तो इन दिनों google और YouTube मैं तमाम तरह के Nabaz Dekhne ka Tarika सिखाने वालों के लाइन लगा हुआ है। YouTube में मैंने भी संपूर्ण Nabaz Dekhne ka Tarika वीडियो बना कर डाला हुआ है।
इस का अलग सा playlist भी बनाया हुआ है मगर यह Nabaz Dekhne ka Tarika बहुत गहरी सोच वाली विषय है video देखकर के यकीनन आपको कुछ भी समझ में नहीं आएगा । वैसे बुद्धिमान व्यक्तियों के लिए इशारा ही काफी होता है ऐसे लोगों को यह वीडियो संपूर्ण नाड़ी परीक्षण का ज्ञान देता है।
Nabaz के विषय में यदि आप पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो online nadi Pariksha (Nabaz) course आपके लिए बेहतर option हो सकता है। क्योंकि यदि आप किसी हकीम या वैद्य के पास जाते हैं तो लंबे समय तक उसके नखरे झेलनें पड़ सकते हैं। इसीलिए बेहतर होगा आप घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से Nabaz Dekhne ka Tarika को सीख सकते हैं।
Nabaz Dekhne ke अनेक फायदे होते हैं यदि आप को Nabaz Dekhna आ गया तो आप चलते फिरते MRI,EEG,ECG करने वाली मशीन जैसी आपका मस्तिष्क (वुद्धि) काम करेगा । मैंने कई दफा ऐसा अनुभव किया है कि कोई आदमी को गंभीर व्याधि होने वाली है मगर यह चीज Nabaz Dekhne पर तो दिखता था मगर एलोपैथिक डायग्नोसिस में कुछ नहीं दिखता था मैंने देखा नाड़ी परीक्षण के चार-पांच महीने के बाद उस व्यक्ति को वही रोग हुआ था जिसको मैंने चार-पांच महीने पहले Nabaz Dekh कर बताया था। इस को सीखने के बाद आप medical sector में ना रहते हुए भी अपने लिए एक बेहतर job का प्रबंध कर सकते हैं। क्योंकि बहुत सारे आयुर्वेदिक यूनानी होम्योपैथिक छोटे और बड़े हॉस्पिटल में Nabaz Dekhne ka Tarika जानने वालों को वहां के व्यवस्थापक बहुत अच्छे salary देकर अपने पास रखते हैं।
Ayushyogi online Ayurveda coaching center से आपNabaz Dekhne ka Tarika बेहद आसानी से घर बैठे ही सीख सकते हैं। जो इन दिनों Google meet से लोगों को सफलतापूर्वक सिखा रहे हैं। पंडित द्रोणाचार्य शास्त्री जिन्होंने अपने बाल्यकाल से ही अनेक आध्यात्मिक और आयुर्वेदिक विषयों के ऊपर शिक्षा प्राप्त किया हुआ है। लम्बे समय से आनलाइन के माध्यम से विद्यार्थियों को गुरु शिष्य परंपरागत आयुर्वेदिक नाड़ी परीक्षण तथा मेडिकल एस्ट्रोलॉजी सिखाते आ रहे हैं अब पंडित द्रोणाचार्य जी में अभ्यास स्वरूप यह सभी विषयों को रूचि कर ढंग से पढ़ाने का बहुत लंबा अनुभव हो चुका है।
ज्यादातर लोग हमसे सवाल पूछते हैं कि Nabaz Dekhne ka Tarika एक गंभीर विषय है क्या हम इस को online समझ सकते हैं। कुछ लोगों ने कहा की ऑनलाइन प्रशिक्षण देते वक्त आप लोग बताया करते हैं कि इस उंगली के नीचे सर्पगति देखो मगर जब तक आप प्रैक्टिकल उसको दिखाओगे नहीं तब तक हमें कैसे समझ में आएगा कि यह जो है वह सर्पगति है।
तो इसका जवाब है की हालांकि नाड़ी परीक्षण एक आत्मज्ञान का विषय है यह चाहे दूर बैठे या नजदीक बैठे सीखने वाला यदि सिखाएं हुए हर लफ्जों को ध्यान से नहीं समझता तो वह कहीं से भी इस विद्या को प्राप्त नहीं कर सकता मगर द्रोणाचार्य जी के पास इस दुर्लभ विद्या को समझाने का एक विशेष तरीका है द्रोणाचार्य जी नाड़ी परीक्षण और मेडिकल एस्ट्रोलॉजी को सुत्रात्मक शैली से पढ़ाते हैं इसीलिए वह समझने में बेहद सरल होता है। हम तो इतना ही कहेंगे कि यदि आपमें Nabaz Dekhne ka Tarika सीखने की तमन्ना है तो आप एक बार द्रोणाचार्य जी से line pulse diagnosis course का प्रशिक्षण जरूर प्राप्त करें। विद्यार्थियों को उनके समझ की सहूलियत के लिए यहां कम से कम 5 दिन तक का डेमो क्लास भी रहता है यह इसीलिए कि बताए हुए बातों को यदि आपके समझ में नहीं आया तो आप बीच में ही इस online pulse diagnosis course को छोड़ सकते हैं इसके लिए आप से कोई fee नहीं लिया जाएगा।
कुछ लोग सवाल करते हैं कि सर किसी व्यक्ति के कलाई में हाथ रखने से शरीर का रोग कैसे पता चलता है तो इसका जवाब देते हुए ग्रंथ कार बहुत सुंदर एक संस्कृत का श्लोक लिखते हैं।
यथा विणागता तन्त्री सर्वान्न् रागान्प्रभाषते।
तथा हस्तगता नाड़ी सर्वान्रोगान् प्रकाशते।।
याद रखिए हमारे शरीर में सप्त चक्र होता है जिसमें से हृदय में स्थित चक्र को अनाहत चक्र बोला जाता है। श्री श्री रविशंकर जी का कहना है कि अनाहत चक्र को प्रभावित करता है वीणा का ध्वनि। जैसे कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में लिखा गया है की नाड़ी परीक्षण द्वारा हम प्राणवायु के कर्म को महसूस करते हैं। यानी प्राणवायु शरीर में किस प्रकार कार्य करता है हम नाड़ी परीक्षण {Nabaz} के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं। प्राणवायु हमारे हृदय में रहता है और जब हार्ट पंपिंग होता है तो वही प्राणवायु हृदय से उठकर संपूर्ण शरीर में ऑक्सीजन को लेकर पहुंचता है सभी शारीरिक अवयवों के सुख-दुख को पहचानने वाला सिर्फ प्राणवायु ही होता है इसीलिए प्राण वायु की गति को समझना ही सर्वोत्तम रोग परीक्षण का आधार है।
यथा विणागता तन्त्री सर्वान्न् रागान्प्रभाषते।
तथा हस्तगता नाड़ी सर्वान्रोगान् प्रकाशते।। इस श्लोक का अर्थ होता है जिस प्रकार वीणा मैं एक तार होता है और जब म्यूजिशियंस उस एक तार में झंकार मारता है तो वहां से वह कुशल म्यूजिशियंस विविध प्रकार के राग समूह को उत्पन्न करता है उसी प्रकार हृदय से उठकर संपूर्ण शरीर में विचरण करने वाला प्राणवायु हाथ के कलाई में पहुंचता है तो नाडी़में उंगली रखते ही शरीर का सभी रोग पता चल जाता है।
Ayushyogi Online Pulse Diagnosis course मैं आप लोग नाड़ी परीक्षण सीखने के लिए जब जाते हैं तो पहले ही दिन आयुर्वेद किसे कहते हैं इसका प्रयोजन क्या है और आयुर्वेदिक नब्ज परीक्षण का मुख्य आधार क्या है इसके ऊपर विस्तृत चर्चा की जाती है जैसे।
आयुर्वेद किसे कहते हैं?
आयुरस्मिन् विद्यते अनेन वा आयुर्विन्दतीत्यायुर्वेद:।
जिसमें दीर्घायु की सुनिश्चितता हो या जिससे आयु जानी जाती हो वह आयुर्वेद है।
सिर्फ आयु ही पर्याप्त नहीं बल्कि...
हिताहितं सुखं दुःखं आयुस्तस्य हिताहितम् ।
मानं च तच्च यत्रोक्तं आयुर्वेदः स उच्यते ॥
अर्थात् हितायु, अहितायु, सुखायु एवं दुःखायु; इस प्रकार चतुर्विध जो आयु है उस आयु के हित तथा अहित एवं उस आयु का स्वरूप जिसमें कहा गया हो,उसे आर्युवेद कहा जाता है।
आयु किसे कहते है?
शरीरेन्द्रियसत्वात्मसंयोगो इति आयुः
शरीर इंद्रिय, मन और आत्मा के संयोग को आयु करें।
कर्मेन्द्रिय (वाक्, हाथ, पैर, गुदा और लिंग),
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ (कान, नेत्र, रसना, नासिक और त्वचा)
, पाँच विषय – शब्द, रूप, रस, गंध और स्पर्श तथा मन, बुद्धि, अहंकार, प्रकृति और पुरुष
आयु जान कर क्या करोगे
स्वस्थस्य स्वास्थ्यरक्षणमातुरस्य विकारप्रशमनं च।
"इस आयुर्वेद का प्रयोजन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी व्यक्ति के रोग को दूर करना है।"
आयुर्वेद सिद्धांत का प्रयोजन क्या है?
धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम्।।
धर्म अर्थ काम मोक्ष ही स्वस्थ शरीर का मूल है । इसीलिए
चतुर्विध पुरुषार्थ की सिद्धि के लिए आयुर्वेद की जरूरत है।
इतना व्याख्यान पहले दिन किया जाता है।
करस्याङ्गुष्ठ मुले या धमनी जीवसाक्षीणी।
4.अंगुष्ठ मूलमधिपश्चिमभागमध्यम् नाडी प्रभंजन गतिं सततं परिक्षेत्।।
इसके बीच में नाड़ी परीक्षण कहां से प्रारंभ होगा किसने इस सिद्धांत का प्रतिपादन किया है और सबसे पहले किसने किसको सिखाया है बड़े ही रोचक तरीका से क्लास में चर्चा की जाती है।
5.स्त्रीणां भिषगवामहस्ते वामेपादे च यत्न च।
शास्त्रेण सम्प्रदायेन तथा स्वानुभवेन च।।
स्त्री left hand पुरुष right hand
6.प्रात:कृतसमाचार:कृताचार:परिग्रहम्।
सुखासीन:सुखासीनं परिक्षार्थानुपाचरेत्।।
यह सुंदर श्लोक का सुंदर व्याख्यान सहित दूसरे दिन का नाड़ी परीक्षण क्लास समाप्त हो जाता है।
. रोगक्रांत शरीरस्य स्थानान्यष्टौ परीक्षयेत्।
नाड़ी(प्राणवह स्रोतस) मूत्रं(किडनी+अपान) मलं(अन्नवह स्रोतस+अपान) जिह्वां(मध्य शरीर) शव्द(उदान+प्राण)स्पर्श(व्यान+भ्राजक+श्लेषक)दृगा(आलोचक पित्त+रंजक पित्त+)कृतिम्।।जाति+सम्प्रदाय+लुलालंगडा+कमजोर+दृढ शरीर+age+स्त्री पुरूष+शरीर का लम्वाग चौडाई
तीसरे दिन से कायचिकित्सा के आधार पर आयुर्वेद और शरीर रचना से संबंधित विशेष व्याख्यान के साथ नाड़ी परीक्षण का पूर्व संस्करण प्रारंभ होता है।
Ayushyogi traditional pulse diagnosis class मैं ज्यादातर ऐसे विद्यार्थी आते हैं जिनको आयुर्वेदिक ग्रंथों के बारे में ज्यादा knowledge नहीं होता इसी कारण यहां 0 level से आयुर्वेद और नाड़ी परीक्षण की बातें होती है इसी कारण से कोई भी व्यक्ति Ayushyogi में आकर आयुर्वेदा और नाड़ी परीक्षण सहजता से सीख सकते हैं।
आप भी आयुर्वेद सीखना चाहते हैं तो तुरंत संपर्क करें।
Explore an in-depth research paper on A…
Telepathy क्या होता है इस विषय में अधिक…
Top-Rated Ayurveda Doctor Near Me in Ja…
यदि आप भी भारत सरकार Skill India nsdc द…
Ayurveda Marma therapy is for balancing…
Panchakarma treatment के विषय में आज हम…
Non-BAMS students who have been working…
Ayurveda Beginners को आयुर्वेदिक विषय स…
Blood pressure जड् से खत्म होगा यदि आप …
Ayurveda online course के बारे में सोच …
Nadi Vaidya बनकर समाज में नाड़ी परीक्षण…
tapyadi loha : ताप्यादि लोह मेरा सबसे प…
Bnys (bachelor of naturopathy and yogic…
Semicarpol या Semecarpus anacardium इस …
Explore the pulse diagnosis devic…
Sinusitis is a condition in which there…
At [Ayushyogi], we believe in the trans…
मिर्गी के रोगियों को परहेज के लिए इन वि…
चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेदिक आवरण के…
Pitta Dosa is a term used in Ayurveda t…
Epilepsy is a chronic neurological diso…
Nadi pariksha:-Guru Dronacharya ji, who…
Easy way to understand Ayurvedic slokas…
alopecia areata treatment in Hindi इन्द…
100 Epilepsy patient के ऊपर आयुर्वेदिक …
how nature affects herbs: deep relation…
If a Yoga teacher also studies Ayurveda…
Dashmularishta के अनेक फायदे आपने जरूर …
Ayurveda online course for beginners. A…
there are three doshas, Kapha, Pitta, a…
Ayurvedic Dietician की मांग दुनिया में …
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को हिंदू धर्मावलं…
Indian Famous Nadi Vaidya was asked abo…
Medical astrology online course:- Do yo…
Nadi vaidya Certificate Course in Nepal…
Epilepsy Treatment संभव है। Epilepsy जि…
Mirgi ka dora:-अपस्मार चिकित्सा विधि &b…
Prakriti pariksha आयुर्वेद का महत्वपूर्…
CCAT Course (Certificate course in Ayur…
Rakta Mokshan:- Rakta mokshna चिकि…
50th,Charakokta Mahakashaya Articles 50…
Advance Nadi Pariksha Course सीखने के इ…
Diabetes Mellitus मधुमेह और प्रमेह क्या…
सभी रोगों का नामाकरण करना सम्भव नहीं हो…
Pulse diagnosis course:-To learn …
About:- pulse diagnosis course:- p…
Swedopag mahakashaya स्…
स्नेहोपग महाकषाय 50 महाकषाय मध्ये सवसे …
Dhatu Bikar विकारो धातुवैषम्यम्: &…
Shukrajanan Mahakasaya शुक्र…
Stanyajanana Rasayanam चरक संहिता…
Vishaghna Mahakashaya:- विषघ्न महाकषाय …
50th'Charak Mahakasaya;- इस आर्टिकल…
Kanthya Mahakashaya:- कण्ठ्य महाकषाय क्…
What is Balya Mahakashaya:-बल्य महाकषाय…
Deepaniya Mahakashaya:- दीपनीय महाकषाय …
Doot Nadi Pariksha दूत नाड़ी परीक्षण वि…
Sandhaniya Mahakashaya संधानीय महाकषाय,…
Bhedaneeya mahakasaya भेदनीय महाकषाय ले…
मिर्गी का अचूक इलाज के साथ Mirgi ke tot…
Lekhaniya Mahakashaya कफ के परमाणुओं को…
bruhaniya Mahakashaya कुपोषण नाशक मांस …
Jivniya Mahakashaya जीवनीय महाकाय …
Nadi parikcha Book Pdf: pulse dia…
Mirgi ka ilaj आयुर्वेद से करें।ऑपरेशन भ…
Panchkarm Vamana therapy आयुर्वेदिक चिक…
Indigestion Causes समय से पहले भोज…
Nadi Pariksha course:- Ayushyogi …
आइए rabies क्या है | इसका कारण लक…
Diploma in Naturopathy and Yogic Scienc…
Vedic Medical astrology द्वारा हम कैसे …
Feeble lung pulse को आयुर्वेद में कमजोर…
जब हम किसी सद्गुरु के चरणों में सरणापन…
New born baby massage oil बनाने और अलग-…
mirgi ke rogi: मिर्गी के रोगियों क…
अगस्ति या अगस्त्य (वैज्ञानिक नाम: Sesba…
भोजन के चरण बद्ध पाचन के लिए जो क्रम आय…
malkangani क्या है:- what is jyot…
अपने हेतुओं से उत्पन्न दोष या व्याधि को…
चरक संहिता को महर्षि चरक ने संस्कृत भा…
अगर आप भी Nadi pariksha online course क…
Mirgi की आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्…
आरोग्यवर्धिनी वटी: मांसवह स्रोतस और मेद…
Sitopaladi वात वाहिनी नाड़ियों पर…
अगर हम आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से दे…
Introduction
यदि चिकित्सक के पास…