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Dnys के विद्यार्थी कैसे आयुर्वेद में practice कर सकते है। DNYS Diploma Course कीये हुए विद्यार्थियों के लिए आयुर्वेद पढ़ाने वाला संस्थान | -Dnys के विद्यार्थी कैसे आयुर्वेद में practice कर सकते है। DNYS Diploma Course कीये हुए विद्यार्थियों के लिए आयुर्वेद पढ़ाने वाला संस्थान के वारे मे सम्पूर्ण जानकारी। साथ में आज समझेंगे प्राकृतिक चिकित्सा में किस तरह हम दूसरे संसाधनों से रोगों का इलाज कर सकते हैं।
DNYS Diploma course किए हुए विद्यार्थियों के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अलावा और कोई दूसरी प्रकार की चिकित्सा विधि को करने के लिए मना किया जाता रहा है।
अपने चिकित्सक बनने की प्रबल इच्छा होने के बावजूद भी तथा बहुत सारे आयुर्वेदिक चिकित्सा विषयक जानकारियों को प्राप्त करने के बावजूद भी अनेक कारणों से बहुत सारे विद्यार्थी आयुर्वेदिक डिग्रियों को प्राप्त न कर पाने के कारण अंतिम में DNYS Diploma Course करते हैं।
सरकारी मान्यता प्राप्त आयुर्वेदिक चिकित्सक बनने के लिए BAMS Compulsary है मगर।
क्योंकि BAMS में बहुत अधिक समय और खर्चा लगने के कारण साधारण और आर्थिक विपन्नता वाले लोग तथा विविध प्रकार से बीएएमएस करने में असमर्थ लोग इस कोर्ष से वंचित रह जाते हैं। वैसे कुछ लोग शौकिया तौर पर भी इस बेहतरीन नेचुरोपैथी DNYS Diploma course को करते हैं।
आयुर्वेदिक प्राचीन गुरु शिष्य परंपरागत ज्ञान संरक्षण हेतु (Diploma In Naturopathy And Yogic Science) यह व्यवस्था प्रारंभ किया है। DNYS के subject को अगर इमानदारी से देखे तो संपूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के साथ मेल खाता है।
दृष्टिकोण को यदि सही रखें और इमानदारी से प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में सोचें तो चरक, सुश्रुत आदि ग्रंथ कारों द्वारा प्रतिपादित संपूर्ण विषयों को प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत ही समझा जा सकता है।
देखिए यदि सीधे तौर पर सिर्फ पानी हवा आग और मिट्टी द्वारा ही आप रोगी के लिए चिकित्सा करने आगे बढ़ेंगे तो आपको बहुत कुछ हासिल नहीं होगा क्योंकि आज के दौर में इस तरह के चिकित्सा पद्धति को लोग कभी एक्सेप्ट नहीं करते अगर कोई मान भी ले तो वह तभी संभव होगा जब वह रोगी अनेकों व्याधि से ग्रसित होकर अनेकों चिकित्सा विधि अपनाने पर भी ठीक ना होने पर विश्वास ना होते हुए भी आजमाने के लिए वह आप की शरण में आएगा ऐसे में जहां पूर्ण विश्वास नहीं वहां तेजस्वी रासायनिक चिकित्सा भी काम नहीं करता वहां साधारण प्राकृतिक चिकित्सा जो अभी DNYS करने वाले डॉक्टरों के लिए नियोजित किया गया है ।
वह कैसे संभव हो सकता है इसीलिए आपको अपने चिकित्सा पद्धति में कुछ अलग करना होगा आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में बहुत सामर्थ रहता है क्योंकि जड़ी बूटियां तो पूर्ण पांच भौतिक महाभूत द्वारा ही निर्माण हुआ है तो इसे आप झुठला नहीं सकते कि यह प्राकृतिक चिकित्सकों के लिए उपयोगी नहीं है बस आवश्यकता इतना ही है की जड़ी बूटियों की सही पहचान, प्रयोग विधि और कुछ आयुर्वेदिक ग्रंथों का अध्ययन जहां रसायनों की प्रयोग ना करते हुए अकेले चरक संहीता के महाकषाय को ही हृदयंगम् किया जाए तो भी कम से कम उस रोगी को कुछ राहत तो जरूर मिलेगा।
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वैसे तो DNYS करने के बाद आप पानी आग और मिट्टी द्वारा रोगी का चिकित्सा कर सकते हैं ।आपके नाम के आगे डॉक्टर Dr. लिखा हुआ रहेगा आप एक प्राकृतिक चिकित्सालय खोल सकते हैं। या अपने एरिया में योग का क्लास चला कर अपना रोजी-रोटी को प्रशस्त कर सकते हैं यदि आप DNYS करने के बाद आयुर्वेद के कुछ सामान्य डिग्रियां प्राप्त करें तो यह सोने में सुहागा रहेगा भारत सरकार मुक्त स्कूलीय प्रणाली द्वारा ऐसे लोगों को 1 साल तक CCAT नामक Course कराकर डिग्रियां प्रदान करती है इसके सहारे आप साधारण आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के सहयोग से रोगी का सेवा कर सकते हैं। यदि आप आयुर्वेद घर में बैठे पढ़ना चाहते हैं तो CCAT करते वक्त या उसके आगे पीछे भी Ayushyogi Team से संपर्क करके Online आयुर्वेद पढ़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पृथ्वी जल तेज वायु और आकाश इन्हीं पांच भौतिक पदार्थों से प्रकृति का निर्माण हुआ है और शरीर भी इन्हीं पांच भौतिक पदार्थों द्वारा निर्मित है।
प्राकृतिक चिकित्सा भी इन्हीं पंचमहाभूत के संयोग से किए जाने वाला चिकित्सा प्रणाली है।जहां मिट्टी, पानी, हवा,आग इन के सहयोग से रोगी का इलाज किया जाता है। बहुत सारे आयुर्वेद और पांच भौतिक पदार्थों के ऊपर यकीन न रखने वाले लोग सिर्फ संकीर्णता पूर्वक प्राकृतिक चिकित्सा कहकर इन्हीं संसाधनों से चिकित्सा करते हैं। लेकिन उन्हें समझना होगा दुनिया में जितने भी पदार्थ है वह सभी पंचमहाभूत द्वारा ही निर्मित है। उन सभी भौतिक पदार्थों का प्रयोग एक प्राकृतिक चिकित्सकों के लिए जरूरी है।
बहुत लोग बताया करते हैं कि आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल DNYS Course किए हुए डॉक्टर यानी प्राकृतिक चिकित्सक स्तेमाल नहीं कर सकते तो मेरा सवाल है कि क्या आयुर्वेद चिकित्सा को आप पांच भौतिक पदार्थों से भीन्न समझते हो ?
आकाश और वायु से वात दोष
अग्नि और जल से पित्त दोष
जल और पृथ्वी से कफ दोष
क्या सभी वनस्पति सभी खनिज पदार्थ इन्हीं पाञ्चभूतों से तैयार नहीं हुआ है ? अगर है तो इसके ऊपर प्राकृतिक चिकित्सकों का अधिकार क्यों नहीं? कमी बस इतना है की प्राकृतिक चिकित्सक आयुर्वेद के संदर्भ में जरा सी भी जानकारी नहीं रखते इसी कमी के कारण ही शायद इन्हें जड़ी बूटियों से चिकित्सा करने को मना किया गया है। तो इसके लिए अगर आप और DNYS Course कीये हुए डॉक्टर हो और आयुर्वेद समझकर प्राकृतिक चिकित्सा कुछ आयुर्वेदिक वनस्पतियों के सहयोग से करना चाहते हो तो कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। क्योंकि
ऐसे लोगों के लिए AyushYogi team सामान्य और विशिष्ट online द्वारा आयुर्वेद शिक्षा प्रदान करता है।
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Introduction
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