CCAT Course (Certificate course in Ayurveda therapy) Ayurvedic course list में CCAT (Certificate course in Ayurveda therapy) भी जुड़ चुका है मगर जानकारी के अभाव में CCAT के विद्यार्थी बहुत कम है।
CCAT- Ayurveda Certificate course. के बारे में 95% आयुर्वेदिक और एलोपैथिक चिकित्सक भी नहीं जानते यह भी एक बहुत बड़ा कारण है CCAT Ayurveda course. मैं विद्यार्थियों की कमी होने का। मगर यदि आप CCAT Course करना चाहते हैं तो प्रामाणिक यूनिवर्सिटी से कर सकते हैं इसका कोर्स 1 साल का होता है। आपको गूगल से यह पता लगा सकते हैं कि आपके नजदीक कौन सा ऐसा यूनिवर्सिटी है जो CCAT Ayurveda course कराती है।
यदि आपके मन में सवाल है कि वैद्य कैसे बने तो यह पोस्ट आपके लिए तैयार किया गया है। यदि आप प्रामाणिक वैद्य बनना चाहते हैं मगर आपके पास पर्याप्त सर्टिफिकेट का अभाव है मगर आप आयुर्वेद और कुछ परंपरागत चिकित्सा को जानते भी है मानते भी हैं और करते आ रहे हैं तो भैया आपके लिए बेहतर रास्ता यही है कि आप अपने नजदीक के किसी यूनिवर्सिटी में जाकर CCAT (Certificate course in Ayurveda therapy) Ayurvedic course के बारे में पर्याप्त जानकारी प्राप्त करें और उसमें फॉर्म भरे यदि कॉलेज आप को पढ़ाने से इंकार कर दे मगर फॉर्म भरने को दे रहा है तो भी डरने की बात नहीं है फॉर्म भरने के बाद तुरंत Ayushyogi Online class मैं संपर्क करिए आपको गूगल मीट के जरिए आयुर्वेद पढ़ने का प्रबंध यहां से किया जाएगा।
CCAT - Certificate course in Ayurveda therapy
Certified by:- NIOS MHRD Govt. Of india
Course Code nmr. 721/722
Duration :- One year
Fees:- admission 16000 + 5000 one-year online class fees = CCAT total fees:-;21000/-
The CCAT course is highly valuable, but it's difficult for students to pass without knowledge of Ayurveda, as the exams are quite rigorous. That's why we've created this online learning option for students like you to study from home. We charge only 5000 INR for a year of study.
You will study at home through the class
1.Charaka Samhita
2.pulse diagnosis
3. Urine examination
4. tongue test
5. Information and usage of essential herbs in Ayurvedic medicine. And various types of Ayurvedic
formulations
NIOS MHRD Govt. Of india द्वारा आयोजित CCAT(Certificate course in Ayurveda therapy) यह कोर्स का Code 721/722 है | CCAT भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कोर्स है। अति दुर्लभ चिकित्सा या चिकित्सा से संबंधित बहुत अच्छा हुनर हाथ में होने के बावजूद भी किसी कारणवश BAMS जैसे महंगा और कष्ट साध्य सिस्टम वाला जिसमें अनावश्यक प्रोटोकॉल है और एक सामान्य वर्ग के लिए महंगा भी है।
इन्हीं कारणों से परंपरागत चिकित्सा करने वाले वैद्य लोग BAMS करने से वंचित रह जाते हैं। मगर देखागया कि लंबे समय से चिकित्सा करते हुए जो परंपरागत चिकित्सक लोग हैं उनके हाथ में बहुत बड़ा चिकित्सा का अनुभव है जब बीच में सर्टिफिकेट और चिकित्सा करने के लिए लाइसेंस आ गया तो गुरु शिष्य परंपरागत चिकित्सकों के सामने बहुत बड़ी दिक्कत आने लगी। इसी बात को ध्यान में रखकर ऐसे लोगों को भी चिकित्सा के मुख्यधारा में जोड़ने हेतु भारत सरकार ने एक छोटा सा पहल अख्तियार किया हालांकि प्रारंभ में दूसरे चिकित्सकों ने इसका बड़ा भारी विरोध किया मगर वह विरोध सिर्फ स्वार्थपरक ही था। क्योंकि हम सब जानते हैं कि विरोध करने वालों के मन में रोगियों के प्रति कितना दया भाव दिखता है।
अब यह तो निश्चय हुवा की CCAT course विशेष उनके लिए बनाया गया है जो पहले से ही आयुर्वेद का परंपरागत चिकित्सा करते आ रहे थे मगर इसका मतलब यह भी नहीं कि आप आयुर्वेद के ABCD भी नहीं जानते या निरक्षर हो तो आप को भी सरकार यूं ही चिकित्सक होने का सर्टिफिकेट वांट्ता रहे। CCAT (Certificate course in Ayurveda therapy) का एक बड़ा मकसद यह है कि इस तरह की परंपरागत चिकित्सकों को आयुर्वेदिक सिद्धांत के मुख्य धारा पर जोड़ना है उनको विशिष्ट आयुर्वेद के दूसरे विधाओं के बारे में जानकारी देना भी CCAT का मुख्य अवधारणा है।
क्योंकि यह वात तो सब लोग जानते हैं कि एक ही प्रकार का चिकित्सा विधि उसी व्याधि से ग्रसित अलग अलग व्यक्ति के ऊपर नहीं किया जा सकता। व्याधि होने का अनेक कारण होते हैं उन सभी कारणों को जानकर उन कारणों के आधार पर अनेक चिकित्सा विधि जो अलग-अलग आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों में बताया गया है व्याधि के कारण, रोगी का बल ,रोग का बल आदि विविध प्रकार के रोग परीक्षण करने के बाद फिर यथा योग्य चिकित्सा दिया जाना चाहिए।CCAT course का मतलब ऐसे चिकित्सकों को इन सभी चिकित्सा विधियों की बारीकी को समझाना भी है।
CCAT Course(Certificate course in Ayurveda therapy) कराने वाले किसी यूनिवर्सिटी में फॉर्म भरने के लिए आपके पास 12वीं का सर्टिफिकेट होना चाहिए। जिसमें साइंस लिया हुआ होना चाहिए या यदि आप ने 12वीं में साइंस नहीं लिया है तो बीच का रास्ता यह है कि अभी आप दसवीं से साइंस का पेपर दीजिए और 12वीं तक साइंस में पास करके फिर CCAT Course (Certificate course in Ayurveda मैं एडमिशन के लिए योग्यता प्राप्त कर पाएंगे। या आप संबंधित यूनिवर्सिटी जो आपके नजदीक में है जहां से CCAT Course(Certificate course in Ayurveda कराया जाता है वहां जाकर भी इससे संबंधित जानकारी को जुटा सकते हैं।
CCAT Course को हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा में पढ़ाया जाता है।
2024 में launch हुआ course:-
skill India के तहत nsdc द्वारा प्रमाणित Ayurveda certificate course के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए यहां click करें:- click on this photo
CCAT Course 1 साल की अवधि तक का कोर्स होता है इसमें कूल 2 पेपर होते हैं ।
परीक्षा में ज्यादातर
CCAT Course मैं आपको इन्हीं विषयों के ऊपर सवाल पूछा जाएगा यदि आप भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सक बनना चाहते हैं तो CCAT Course करने से आप आसानी से यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए ऊपर दिए हुए विषयों के ऊपर गहन अध्ययन जरूर करें।
किसी मान्यता प्राप्त आयुर्वेदिक कॉलेज से CCAT Course कंप्लीट होने के बाद विद्यार्थियों को आयुर्वेदिक तकनीशियन,आयुर्वेदिक फार्मेसी, जड़ी बूटी एकत्रण केंद्र,आयुर्वेदिक अस्पताल,पंचकर्म सेंटर और थेरेपी सेंटर व स्वतंत्र वैद्य के रूप में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस कोर्स को करने के बाद आप एक आयुर्वैदिक प्रैक्टिशनर डॉक्टर के रूप में साधारण क्लीनिक खोलकर कार्य कर सकते हैं।
CCAT Course का घर बैठे तैयारी कैसे करें।
CCAT Course करने की इच्छुक विद्यार्थियों को चाहिए कि वह संबंधित कॉलेज में जाकर फॉर्म भरे और क्योंकि यह कोर्स और इसकी पेपर बहुत कठिन होता है लेकिन आप 1 वर्ष तक इसकी तैयारी करते हैं तो निश्चित आप इस पेपर को पास कर पाएंगे इसके लिए आज के समय में Ayushyogi online class के माध्यम से आप CCAT Course से संबंधित विषयों को पढ़ सकते हैं। Ayushyogi online CCAT CLASS मैं एडमिशन लेने के लिए आप इसी वेबसाइट में online class का option है वहां जाकर आप CCAT पढ़ने के लिए सबमिट कर सकते हैं।
आयुर्वेद का मतलब जीवन है.
आयुरस्मिन् विद्यते अनेन वा आयुर्विन्दतीत्यायुर्वेद:।
जिसमें दीर्घायु की सुनिश्चितता हो या जिससे आयु जानी जाती हो वह आयुर्वेद है। ऐसे जीवनदायिनी आयुर्वेद पढ़ने के लिए मन का बन जाना ही बहुत बड़ी उपलब्धि है।
शरीरेन्द्रियसत्वात्मसंयोगो इति आयुः
शरीर इंद्रिय, मन और आत्मा के संयोग को आयु कहते है । इन चारों का आपस में वियोग होना ही दुख या मृत्यु है। आयुर्वेद सिर्फ पैसे कमाने का जरिया नहीं है यह आत्म ज्ञान को जानने का अवसर है हर किसी को प्रतिदिन थोड़ा थोड़ा चरक संहिता जरूर पढ़ना चाहिए|।
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