header img
Symptoms Reason
नाड़ी बल:- कम दबाव देने पर नाड़ी स्पंदन बंद हो जाए तो निर्बल / अधिक दबाव देने पर ही नाड़ी स्पंदन बंद होता है तो यह सबल नाड़ी है ,
नाड़ी लय (एक rhythm में नाड़ी ) पूर्णता:- नाड़ी में भराव (wave+volume- पूर्णा/ या:- रिक्ता, मृदु कृशा etc यदि धमनी में रक्त संपूर्ण रूप से भरा हुआ आता हो तो स्पर्श में तीव्र और उठता हुआ दिखेगा। यह पूर्ण नाड़ी है इसके विपरीत मृदु या अपूर्ण नाड़ी है :- अप्राकृतिक पूर्णा में:-ज्वर,उच्च रक्तचाप, kidney problem,विष विकार, पित्त विकार, चित्त में उद्वेग, क्रोध दिखता है। अप्राकृतिक अपूर्णता:- खून की कमी, दुर्बलता, पानी की कमी,धातु क्षय, प्रदर, विसूचिका, संग्रहणी, वमन, लीवर से संबंधित समस्या। कठोर structure से रहीत मध्यम पूर्णता ही स्वस्थ व्यक्ति का परिचायक है। Note;- नाड़ी structure- वृद्धावस्था या कुछ रोगों में नाड़ी कठोर और गोल ही बनी रहती है यानी दबाव देने पर नाड़ी चपटी नहीं होती।
नाड़ी Structure :- नाड़ी काठीन्य (उंगली से नाडी़ को role करने पर कठोरता लगता है - वायु का प्रभाव है यहां कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ भी हो सकता है यह वायु का प्रभाव है यहां कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ भी हो सकता है
दबाने पर elastic जैसा महसूस हो रहा है - पित्त का नाड़ी है यह पित्त का नाड़ी है
दबाने पर चौड़ी/ मोटी/चिपचिपाहट युक्त/ गढ़ा गढ़ा सा लग रहा है- कफ का नाड़ी है ब्लड प्रेशर की समस्या यह कफ का नाड़ी है ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकता है
शित:- गंभीर स्पर्श करने पर त्वचा के नीचे ठंडीपन लगे - कफ की वृद्धि, आमावस्था,पुराना हृदय रोग, मंदाग्नि,अवसाद कफ की वृद्धि, आमावस्था,पुराना हृदय रोग, मंदाग्नि,अवसाद ,अतिसार,
उष्ण:-स्पर्श से नाड़ी में गर्मी पन महसूस- पित्त वृद्धि, क्रोध, काम उत्तेजना, रक्त विकार पित्त वृद्धि, क्रोध, काम उत्तेजना, रक्त विकार।
पिच्छिल:- दबाने पर चिपचिपाहट लगे - रसशेषाजीर्ण,विबन्ध,कुष्ठ,मदात्यय रसशेषाजीर्ण,विबन्ध,कुष्ठ,मदात्यय, धमनी प्रतिचयन,जीर्णज्वर,आमाजीर्ण, असाध्य रोग
गुरु:- बल अधिक+क्षीण गति - कफ की वृद्धि .कफ की वृद्धि
स्तिमित:- शीत स्पर्श+मंद गति - कफ वृद्धि,वातकफज ज्वर, सामावस्था, रक्त दुष्टी, भोजनोपरान्त का नाड़ी,गर्भकाल कफ वृद्धि,वातकफज ज्वर, सामावस्था, रक्त दुष्टी, भोजनोपरान्त का नाड़ी,गर्भकाल
लघु:- अल्पबल- low wabe + चंचल - irregular rhythm - वायु वृद्धि . वायु
कठिन:-role करने पर मोटा ,कठोर, गुदगुदा, .
मृदु:- दबाने पर नाड़ी नरम और मुलायम लगता है - रक्तश्राव, पाण्डु,पित्तज्वर, अतिसार रक्तश्राव, पाण्डु,पित्तज्वर, अतिसार
स्थुल:- स्पर्श में मोटापन - आमवात,आमज व्याधि,मेदोरोग, कफ प्रकोप,कव्ज आमवात,आमज व्याधि,मेदोरोग, कफ प्रकोप,कव्ज
सूक्ष्म:- तार जैसा पतला (तनु नाड़ी) -धातु क्षय राजयक्ष्मा, धातु क्षय,रक्तश्राव, यदि 8 नंबर में जाने पर भी यह नाड़ी नहीं मिटता है तो पुराना आसाध्य रोग है।
मंद गति:- 1 मिनट में महज 50 से नीचे ही नाड़ी धड़कती है - कफ दोष यहां कफ दोष से संबंधित अनेक रोग होने की संभावना रहेगी।
रक्त पूर्ण नाड़ी :- नाड़ी मोटी तथा शीघ्र चले .
रक्त दुष्टी:- भरी हुई ,गरम और चिकनी नाड़ी .
रक्ताल्पता:- मन्द गति + पतली नाड़ी या चुहे के पूंछ जैसे ( आगे मोटा पिछे पतला) .
कुपोषणजन्य रस+रक्ताल्पता (पाण्डु):- रुक्ष,तीव्र गति, अपूर्णा,पतली,दुर्वल नाड़ी .
दिल की विमारी:- मोरपंख जैसा फडकता हुवा या चिंटी जैसे दानेदार+घुमावदार .
दुर्वलता:- आगे-पीछे पतली बीच में मोटा लगे .
Medicine Use

.


Please don't hesitate to contact us at yogiayush44@gmail.com if you have any questions. AyushYogi is your personal place for all around wellness/Training/Learning/Share & Earn. Enjoy it!